सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जमीन का 70 फीसदी हिस्सा समुद्र है, जिसके बारे में अभी बहुत मुताआला और रिसर्च नहीं किया गया है. इसलिए हुकूमत ने ‘गहरे समुद्र संबंधी मिशन’ को मंजूरी दी है जिसके जरिए मुल्क में ब्लू इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी.
Trending Photos
नई दिल्लीः मरकजी कैबिनेट ने बुध को समंदर पर मुबनी मआशियात का पता लगाने के लिए ‘गहरे समुद्र मिशन’ मंसूबा को मंजूरी दी है. इससे बेहरी वसाएल की खोज और ओसेन टेक्नोलॉजी की तरक्की में मदद मिलेगी. बुध को वजीर-ए-आजम नरेंद्र मोदी की सदारत में हुई आर्थिक मामलों संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इससे मुंसलिक एक तजवीज को मंजूरी दी गई. बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जमीन का 70 फीसदी हिस्सा समुद्र है, जिसके बारे में अभी बहुत मुताआला और रिसर्च नहीं किया गया है. इसलिए हुकूमत ने ‘गहरे समुद्र संबंधी मिशन’ को मंजूरी दी है जिसके जरिए मुल्क में ब्लू इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी.
Cabinet chaired by PM @narendramodi ji took an important decision to support crucial Blue Economy. The key decisions include conducting mineral study 6000mtrs deep in the sea, to study changes, if any, due to climate change & conduct deep sea surveys & study marine biodiversity. pic.twitter.com/Co1Pbc9aMY
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 16, 2021
‘गहरे समुद्र मिशन’ से क्या निकलेगा
हिन्दुस्तान तीन तरफ से समंद्रर से घिरा हुआ है और भारत के कुल गैर मुल्की कारोबार का 90 फीसदी हिस्सा समंदर के रास्ते होता है. समुद्री रास्तों, नए बंदरगाहों और समुद्री सामरिक नीति के जरिये मआशियात को बढ़ावा देना ही ब्लू इकोनॉमी है. ब्लू इकोनॉमी का फोकस खनिज पदार्थों समेत समुद्री उत्पादों के दोहन पर भी होता है.‘गहरे समुद्र मिशन’ से हुकूमत इन्हीं संभावनाओं की तलाश करेगी.
खनिजों पर मुताआला और रिसर्च होगा
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि समुद्र में 6000 मीटर नीचे कई प्रकार के खनिज हैं. इस मिशन के तहत खनिजों के बारे में अध्ययन और रिसर्च का काम किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इसके अलावा जलवायु परिवर्तन और समुद्र के जलस्तर के बढ़ने सहित गहरे समुद्र में होने वाले परिवर्तनों के बारे में भी अध्ययन किया जायेगा. इससे दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर भी सरकार रिसर्च का काम कराएगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि गहरे समुद्र संबंधी मिशन के तहत जैव विविधता के बारे में भी मुताआला किया जाएगा.
पैदा होंगे नौकरी और कारोबार के नए मौके
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समुद्री दुनिया और जिंदगी के बारे में जानकारी जुटाने के लिये एडवांस मरीन स्टेशन बनाने और थर्मल एनर्जी पर रिसर्च किया जाएगा.इन तमाम तरह के मुताआला, सर्वे औन दीगर कामों के लिए मानव संसाधन की जरूरत होगी. और ऐसे में देश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इस बारे में अभी दुनिया के पांच देशों अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान, चीन के पास ही प्रौद्योगिकी है. ऐसे में इस मिशन से प्रौद्योगिकी की तरक्की की राह भी हमवार होगी. समुद्री संसाधनों के बिजनेस के भी तमाम मौके फराहम होंगे.
Zee Salaam Live Tv