CAA Citizenship Certificates: केंद्र सरकार ने नागरिकता अधिनियम (CAA) के तहत पश्चिम बंगाल, हरियाणा और उत्तराखंड में नागरिकता देने की शुरुआत कर दी है. गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी. भारत सरकार ने दिसंबर 2019 में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से 31 दिसंबर 2014 को या इससे पहले आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने के लिए CAA बनाया है.


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दी गई नागरिकता
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और हरियाणा की अधिकार प्राप्त समितियों ने तीनों राज्यों के आवेदकों को बुधवार को नागरिकता प्रदान की. नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की अधिसूचना के बाद दिल्ली की अधिकार प्राप्त समिति ने पहली बार भारतीय नागरिकता प्रदान की. इन आवेदकों को 15 मई को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह सचिव ने नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपा. नागरिकता प्रमाणपत्रों की यह दूसरी किस्त बुधवार को जारी की गई. एक जून को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से कुछ दिन पहले यह कदम उठाया गया है.


पश्चिम बंगाल में होगा मतदान
पश्चिम बंगाल में कई सीट पर शनिवार को अंतिम चरण में मतदान होगा. मतगणना चार जून को होगा. राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद कानून को अधिसूचित कर दिया गया था लेकिन भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए नियम चार साल की देरी के बाद 11 मार्च को जारी किए गए. CAA नियमों में आवेदन पत्र के प्रारूप, जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) की तरफ से आवेदनों पर कार्रवाई की प्रक्रिया, राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (SLEC) की जांच और नागरिकता प्रदान करने की परिकल्पना की गई है.


100 लोगों की हुई मौत
आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आगे बढ़ेगी. CAA के 2019 में पारित होने के बाद देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था और प्रदर्शनकारियों ने इसे ‘भेदभाव’ वाला करार दिया था. देश के दीगर हिस्सों में CAA विरोधी प्रदर्शनों या पुलिस कार्रवाई के दौरान करीब 100 लोगों की जान गई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते रहे हैं कि CAA को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है. उन्होंने विपक्ष पर इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का इल्जाम लगाया.