सैन फ्रांसिस्को / नई दिल्लीः पहले से ही टेक और सूचना प्रौद्यौगिकी में आर्थिक मंदी की मार झेल रहे पेशवर लोगों के बाद अब एक और क्षेत्र में संकट के बाद मंडरा रहे हैं. शीर्ष मुख्य वित्तीय अधिकारियों (सीएफओ) ने अगले छह महीनों में शिक्षा बाजार में नौकरी में भारी कटौती की चेतावनी दी है. इससे इस पेशे से जुड़े भारी संख्या में लोग बेरोजगार हो सकते हैं.  
मंदी के दौर में फॉक्स बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक, क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म कूपा द्वारा 600 सीएफओ के एक सर्वे के मुताबिक, शिक्षा क्षेत्र में 100 प्रतिशत सीएफओ ने विकास को गति देने के लिए अगले छह से 12 महीनों में कार्यबल को कम करने के संकेत दिए हैं. 


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जिप्पिया द्वारा संकलित डेटा में दावा किया गया है कि जून 2021 से जून 2022 तक अमेरिका में शैक्षिक सेवाओं में 1,36,000 कर्मचारियों की कमी की गई थी. कूपा सीएफओ टोनी टिस्कोर्निया को यह कहते हुए कोट किया गया था कि शिक्षा उद्योग के कार्यबल में अगले आधे साल में गिरावट दर्ज की जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-लर्निंग कंपनी उडेमी ने अपने कर्मचारियों की संख्या में 10 फीसदी की कटौती की है और सिएटल पब्लिक स्कूल 131 मिलियन डॉलर के बजट घाटे के तहत छंटनी की तैयारी कर रहे हैं.


प्रमुख स्टार्टअप समाचार वेबसाइट आईएनसी 42 के मुताबिक, भारत में लगभग 78 स्टार्टअप्स ने 23,000 कर्मचारियों को हटा दिया है. 18 एडटेक स्टार्टअप्स ने अब तक 8,200 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. अमेरिकी सर्वेक्षण में कहा गया है कि सबसे ज्यादा प्रभावित अन्य क्षेत्रों में संचार शामिल है, जिसमें क्षेत्र के सीएफओ के 60 फीसदी समाधान के रूप में छंटनी की तरफ इशारा करते हैं. सर्वेक्षण के मुताबिक, हेल्थकेयर और एकाउंटिंग में सिर्फ 20 फीसदी सीएफओ का मानना है कि अगले छह से 12 महीनों में छंटनी की संभावना है.


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