यूपी में दिवाली के बाद मनाया जाएगा `चहक`, जानें क्या है इसका काम और फायदे?
CHAHAK, UP’s Parent-Teacher Festival: यूपी में चहक की शुरुआत दिवाली के बाद हो जाएगी. ये उत्सव एक अभिभावक-शिक्षक उत्सव की नई पहल है. आइए जानते है इसका मकसद और इसके फायदों के बारे में.
CHAHAK, UP’s Parent-Teacher Festival: उत्तर प्रदेश में राज्य के बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है. ये नई पहल त्योहार के रूप में मनाई जाएगी. आयोजित किए जा रहे इस त्योहार का नाम 'चहक' (CHAHAK) है. जिसे दिवाली के बाद मनाया जाएगा. नई पहल, 'चहक- चिल्ड्रन हैप्पीनेस इन एंबियंस एंड एक्वायरिंग नॉलेज' ( Children Having Happiness in Ambience and Acquiring Knowledge) एक तरह की अभिभावक-शिक्षक बैठक होगी, जिसमें माता-पिता को शिक्षकों द्वारा स्कूल में अपने बच्चे द्वारा की गई प्रगति के बारे में जानकारी दी जाएगी. बच्चे अपने अर्जित ज्ञान का प्रदर्शन करेंगे.
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क्या है इस नई पहल का मकसद?
बेसिक एजुकेशन के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने कहा, इसका मकसद बच्चे की प्रगति में माता-पिता को शामिल करना है. माता-पिता को छात्रों की उपलब्धियों के बारे में बताया जाएगा. माता-पिता के सामने बच्चों द्वारा भाषा कौशल जैसे कविता पाठ, कहानी, रोल प्ले आदि से संबंधित प्रदर्शन भी होंगे. स्कूल में बच्चों के लिए क्विज और गेम्स का आयोजन होगा. इस पहल में शिक्षक के साथ नियमित रूप से बच्चे की प्रगति पर चर्चा करने वाले माता-पिता को सम्मानित किया जाएगा. इसमें स्कूल में नामांकित सभी बच्चे और उनके माता-पिता शामिल होंगे.
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भारत के मिशन का हिस्सा है चहक
'चहक' शिक्षा योजना के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए 'निपुण' भारत मिशन का हिस्सा है. अधिकारी ने कहा, प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के लिए बुनियादी ज्ञान होना जरूरी है. निपुण भारत मिशन शिक्षकों को एक अध्ययन योजना तैयार करने का निर्देश देता है, जो छात्रों के साहित्यिक और बुनियादी भाषा कौशल को विकसित करता है.
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