Champai Soren BJP: पार्टी से नाराज़ हैं आदिवासी नेता चंपई सोरोन? 30 अगस्त को थामेंगे BJP का दामन
Champai Soren BJP: जेएमएम नेता चंपई सोरेन बीजेपी का दामन थामने वाले हैं, काफी वक्त से खबर आ रही थी कि वह अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. वह अचानक सीएम पद से हटाए जाने से भी खफा थे.
Champai Soren BJP: सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को झटका देते हुए उसके सीनियर नेता और पूर्व सीएम चंपई सोरेन जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे. सोमवार देर रात चंपई सोरेन ने दिल्ली में होम मिनिस्टर अमित शाह से मुलाकात की थी. इस दौरान असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा भी वहां मौजूद थे. बता दें हिमांता झारखंड में नवंबर-दिसंबर में होने वाले असेंबली इलेक्शन के लिए भगवा पार्टी के सह-प्रभारी भी हैं.
30 अगस्त को आधिकारिक तौर पर ज्वाइन करेंगे बीजेपी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चंपई सोरेन 30 अगस्त को आधिकारिक तौर पर बीजेपी ज्वाइन करने वाले हैं. इस बात का ऐलान हेमंता ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कर दिया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, "झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हमारे देश के एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता, चंपई सोरेन जी ने कुछ समय पहले माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात की. वह 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल होंगे."
चंपई सोरे को लेकर दिया था पहले हिंट
इससे पहले हेमंता ने इस बड़े बदलाव को लेकर रिपोर्टर्स को एक हिंट भी दिया था. उन्होंने रांची में मीडिया से कहा था कि वह चाहते हैं कि चंपई सोरेन बीजेपी को ज्वाइन करें. उन्होंने रिपोर्टर्स से कहा था,"मैं चाहता हूं कि चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हों. अब वह दिल्ली में हैं... देखते हैं... उनसे बात करने की कोशिश करेंगे. वैसे भी, मैं पिछले 5-6 महीनों से उनसे बातचीत कर रहा था, लेकिन वह राजनीतिक नहीं थी. मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि उनसे (सोरेन) कुछ राजनीतिक बातचीत की जाए."
बता दें, चंपई मौजूदा वक्त में हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में मंत्री हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक जेएमएम और सरकार दोनों से इस्तीफा नहीं दिया है. 2 फरवरी से 3 जुलाई तक पांच महीने तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे चंपई ने 20 अगस्त को अपनी पार्टी और नेतृत्व के प्रति अपनी नाराज़गी का इजहार किया था.
पार्टी से नाराज हैं सोरेन
सोरेन ने सोशल मीडिया पर अपना दुख और बेइज्जची का इजहार किया था कि किस तरह उन्हें बिना किसी पहले जानकारी के मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया, कैसे उनके पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को बिना उन्हें बताए रद्द कर दिया गया, आदि. वह 23 अगस्त को दिल्ली से सरायकेला लौटे थे और कोल्हान संभाग के खरसावां, चाईबासा और सरायकेला विधानसभा सीटों का दौरा कर रहे थे. इन 14 विधानसभा सीटों पर सोरेन का काफी प्रभाव है. छह बार के विधायक चंपई सोरेन 1991 से सरायकेला से जीतते आ रहे हैं, जब वे 1995 में पहली बार निर्दलीय के रूप में विधायक बने थे.