नई दिल्ली: बिहार का सियासी घमासान अभी थमा नहीं है. अब चिराग पासवान ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को खत लिखा है और कहा है कि पशुपति पारस का लोकसभा में पार्टी का नेता बनना गैर कानूनी है. इसके लिए पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के आर्टिकल 26 का हवाला दिया है. 


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इसके लिए चिराग पासवान ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से अपील की है कि 13 जून को पशुपति पारस को लोकसभा में पार्टी बनाने का जो फैसला लिया गया है उसे रिव्यू करके वापस लिया जाए. 



गौरतलब है कि पशुपति पारस ने सोमवार को पार्टी के पांचों सांसदों का दस्तखत किया हुआ पत्र लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा था, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें LJP संसदीय दल के नेता के तौर पर मंजूरी दे दी है. अब चिराग ने लोकसभा अध्यक्ष के इस कमद को गैर-कानूनी बताया है. 


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वहीं, चिराग पासवान बुधवार दोपहर एक बजे दिल्ली में अपने सरकारी आवास में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, जिसे फिलहाल रद्द कर दिया है. कयास लगाए जा रहे थे कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए आगे की स्ट्रेटजी का खुलासा करेंगे. हालांकि, चिराग ने प्रेस कांफ्रेंस क्यों कैंसिल कर दी? इसकी वजह अभी साफ नहीं हुई.


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इसके अलावा पशुपति पारस ने अपने हिमयातियों के साथ मीटिंग कर चिराग पासवान को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से हटा दिया था. उनकी जगह अब सूरजभान को एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाया गया है. सूरजभान की निगरानी में पार्टी के नए चीफ के चुनाव की बात सामने आई थी. बताया जा रहा है कि 'एक शख्स एक ओहदा' नियम ते तहत चिराग को हटा दिया गया है. वहीं दूसरी जानिब चिराग पासवान ने अपने हिमायतियों के साथ मीटिंग कर बगावत करने वाले पांचों सांसदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. 


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