Bulldozer in UP: समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश सरकार से उन अयोध्या निवासियों की दुर्दशा पर विचार करने का आग्रह किया है जिनके घरों पर बुलडोजर चलाया जाना है. ये घर कथित तौर पर अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) की अनुमति के बिना बने थे. 


500 घरों पर चलेगा बुलडोजर


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दरअसल, अयोध्या प्रशासन ने सरयू नदी के किनारे कथित तौर पर बने घरों को गिराने का फैसला किया है. लगभग 500 ऐसे घरों को एडीए द्वारा विध्वंस का सामना करना पड़ेगा. सपा के वरिष्ठ नेता आशीष पांडे दीपू ने अयोध्या के संभागीय आयुक्त को ज्ञापन देकर इलाके को नियमित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि, मकानों को गिराने का अभियान एडीए के राजस्व विभाग और नगर निगम के बीच तनातनी का नतीजा है, जिससे आम आदमी परेशान है.


बने हैं प्रधानमंत्री आवास


सपा नेता ने दावा किया कि, कथित बाढ़ के मैदान जहां विध्वंस अभियान शुरू किया जा रहा है, वहां कई सरकारी निर्माण परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं. उन्होंने कहा, "इस क्षेत्र में पहले से ही कई प्रधान मंत्री आवास, काशी राम कॉलोनियां, अंतर्राष्ट्रीय अयोध्या बस स्टेशन, अंतर्राष्ट्रीय रामलीला केंद्र और सभागार हैं, जिनमें राम कथा पार्क और कोरियाई पार्क शामिल हैं."


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बाढ़ क्षेत्र में घर बनाने की इजाजत नहीं


इस बीच, एडीए के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा कि बाढ़ क्षेत्र में किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती है. 


बुलडोजर कार्रवाई


ख्याल रहे कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अतिक्रमण और अवैध कब्जे के खिलाफ काफी सख्त है. हाल ही में कई जगह पर अवैध तरीके से बनाए गए घरों पर बुलडोजर चलाया गया है. हाल ही में प्रयागराज हिंसा के कथित मास्टर माइंड जावेद पंप के घर पर बुलडोजर चलाए जाने का मामला काफी विवादों में रहा है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा के नाम से जाना जाता है. विपक्ष सीएम योगी की बुलडोजर कार्रवाई की आलोचना करता है.


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