Jammu and Kashmir Election: कांग्रेस ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी किया. इसमें समाज के सभी लोगों के फायदे का खास ख्याल रखा गया है. औरतों से लेकर नवजवानों और किसानों के फायदों को भी खास तवज्जो दी गई है. इस बीच, पार्टी ने समाज में किसानों की अहम भूमिका ध्यान में रखते हुए उन्हें अपने मेनिफेस्टो में भी खास जगह दी है. कांग्रेस पार्टी का दावा है कि उन्होंने किसानों की परेशानियों को अपने घोषणा पत्र में जगह देकर दी है.


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किसानों के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र
कांग्रेस ने सत्ता में आने पर भूमिहीन किसानों, किराए पर खेती करने वाले किसानों और जमीन मालिक किसान परिवार को हर साल 4 हजार रुपए की आर्थिक मदद दिए जाने की बात कही है. पार्टी ने सत्ता में आने पर भूमिहीन किसानों को 99 साल के लिए लीज पर जमीन देने की व्यवस्था करने की बात कही है. इसके साथ ही सेब की फसल के लिए 72 रुपए/किलोग्राम न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करने की भी बात कही गई है. पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि किसानों की अगर फसल प्राकृतिक आपदा की वजह से खराब हो जाती है, तो ऐसी हालत में उन्हें 100 फीसदी बीमा दिया जाएगा, ताकि उन्हें परेशानी से बचाया जा सके. 


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किसानों को सिंचाई की सहूलत
इसके अलावा, पार्टी ने अपने घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए 100 फीसदी सिंचाई की सहूलत देने की बात कही है. इसके लिए 2,500 करोड़ रुपए का फंड स्थापित करने की बात कही है. मेनिफेस्टो में कहा गया है कि बिचौलियों की लागत कम करने के लिए हर ब्लॉक में थोक अनाज बाजार बनाए जाएंगे. कई बार किसानों को बिजली की दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्हें खेती करने में बाधा आती है. उन्हें इसी बाधा से बचाने के लिए पार्टी ने अपने घोषणापत्र में जितना बिजली इस्तेमाल हो, उतना ही भुगतान करने की बात मेनिफेस्टो में कही है. पार्टी ने अपने घोषणापत्र में बिना किसी चीज को गिरवी रखे ट्रैक्टर खरीदने के लिए ऋण देने की बात कही है.


रेशम कारोबार को बढ़ावा
इसके साथ ही पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में कहा है कि हम घरेलू उपयोग वाले स्टेशनों पर पंप सेट्स का बोझ कम करने के लिए सीमावर्ती सिंचाई बेल्ट में अलग रिसीविंग स्टेशन की मांग पर विचार करेंगे. पार्टी ने घोषणापत्र में वादा किया है कि रेशम मिशन शुरू करके रेशम उत्पादन क्षेत्र को और बढ़ावा देंगे, जिसकी जम्मू-कश्मीर में काफी संभावनाएं हैं. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मुर्गी पालन में लगे किसानों को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है.