नई दिल्ली: हिंदुस्तान का प्रभावशाली मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भड़काऊ बयान बाजी मामले में दिल्ली पुलिस के आला अफसरों से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की है. जमीय के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को दिल्ली पुलिस के एक आला अफसर से मुलाकात कर आग्रह किया कि पिछले दिनों भाजपा के एमपी प्रवेश वर्मा और विधायक नंदकिशोर गुर्जर के ज़रिए भड़काऊ भाषण दिए जाने के मामले में नामज़द FIR दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए.


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जमीयत की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, संगठन के जनरल सेक्रेटरी मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में एक डेलीगेशन ने स्पेशल पुलिस कमिश्नर (विधि-व्यवस्था) दीपेन्द्र पाठक से दिल्ली पुलिस हेडक्वॉर्टर में मुलाकात की. उन्होंने कहा, "दिल्ली के दिलशाद गार्डन इलाके में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बहुसंख्यक समुदाय को भड़काया गया और इसमें सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.


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जमीयत के डेलीगेशन ने संगठन के चीफ मौलाना महमूद मदनी की तरफ से एक मैमोरंडम भी दिल्ली पुलिस को सौंपा. जमीयत ने पुलिस अफसर से गुज़ारिश की है कि "मारने और आर्थिक बहिष्कार करने की बात करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए. अब तक जो भी कार्रवाई की गई है, वह काबिले इत्मिनान नहीं है." 


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उन्होंने आगे कहा कि यह मुल्क में कानून-व्यवस्था में लोगों के यकीन का भी मामला है. चाहे कोई एमपी हो या विधायक, अगर उसने मुल्क की अखंडता और गरिमा को चुनौती दी है, तो उसके खिलाफ बगैर किसी भेदभाव के कार्रवाई की जाए." 


दिल्ली पुलिस ने कहा था कि दिलशाद गार्डन इलाके में रविवार को बिना इजाज़त प्रोग्राम करने के आरोप में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और अन्य आयोजकों के खिलाफ सोमवार को FIR दर्ज की थी.


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