Sitaram Yechury: वाम नेता सीताराम येचुरी की गुरुवार को फिर से अचानक तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्हें दिल्ली स्थित एम्स में वेंटिलेटर पर रखा गया है.  कुछ देर पहले ही उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई थी. इसके बाद उन्हें आनन-फानन में वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया. बताया जा रहा है कि उन्हें लंग्स में शिकायत है. फिलहाल डॉक्टरों की टीम उनके इलाज में लगी हुई है. पिछले महीने 20 अगस्त को तेज बुखार की शिकायत होने पर सीपीएम नेता को एम्स में भर्ती कराया गया था.


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सीताराम येचुरी भारतीय सियासत का एक जाना पहचाना चेहरा हैं. वो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सेक्रेटरी भी हैं. 72 साल के सीताराम येचुरी एक तमिल ब्राह्मण परिवार से तालुक रखते हैं. येचुरी को साल 2016 में राज्यसभा सांसद रहते हुए सर्वश्रेष्ठ सांसद का अवार्ड दिया गया था. 


येचुरी पूर्व महासचिव हरकिशन सिंह सुरजीत की गठबंधन-निर्माण विरासत को जारी रखने के लिए भी जाने जाते हैं. उन्होंने साल 1996 में संयुक्त मोर्चा सरकार के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का मसौदा तैयार करने के लिए पी. चिदंबरम के साथ सहयोग किया और 2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के गठन के दौरान अलायंस में अहम भूमिका निभाई.


तीन बार चुने गए थे JNU छात्र संघ के अध्यक्ष
येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) में शामिल हुए और एक साल बाद ही वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के मेंबर बन गए. साल में 1975 के आपातकाल के दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था. तब वे JNU में पढ़ते थे. वे साल  1977-78 की अवधि में तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने गए थे.  येचुरी ने प्रकाश करात के साथ मिलक जेएनयू को वामपंथियों का गढ़ बनाया था. 


करीब 12  साल तक रहे राज्यसभा सांसद
येचुरी करीब 12 साल तक राज्यसभा के सदस्य रहे. वो साल 2005 में पहली बार पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद बने थे और 18 अगस्त 2017 तक राज्यसभा सदस्य रहे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संसद में जनहित के कई मुद्दे उठाए.