जम्मूः जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद विधानसभा चुनाव कराए जाने का पहला इशारा देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इस साल के आखिर तक चुनाव कराए जाने के इमकान हैं. महाराजा गुलाब सिंह के ‘राज्याभिषेक’ के 200वें साल के मौके पर यहां एक समारोह को खिताब करते हुए सिंह ने कहा कि परिसीमन की कवायद हाल में पूरी हुई जिसके बाद कश्मीर में 47 और जम्मू में 43 सीट के साथ सीट की कुल तादाद बढ़कर 90 हो गई है. केंद्र शासित प्रदेश के दो रोजा दौरे पर आए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘इस साल के आखिरी तक जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.’’  



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वोटर लिस्ट में जोड़े जाएंगे नाम 
अफसरों के मुताबिक, मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने समीक्षा की और जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अफसर को फिर से बनाए गए विधानसभा क्षेत्रों का नक्शा बनाने का निर्देश दिया. समीक्षा प्रक्रिया के दौरान, नागरिकों को मतदाता सूची में अपना विवरण दर्ज कराने, हटाने और बदलाव का मौका दिया जाएगा. पिछले महीने, केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि परिसीमन आयोग का आदेश 20 मई से नाफिज होगा. आयोग ने निर्वाचन क्षेत्रों का खाका फिर से तैयार करते हुए जम्मू संभाग को छह इजाफी विधानसभा सीट और एक सीट कश्मीर को दिया है. 

नए परिसीमन में क्या बदला है ? 
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के तहत स्थापित परिसीमन आयोग के आदेशों के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे. इनमें जम्मू संभाग में 43 और कश्मीर में 47 विधानसभा क्षेत्र होंगे, जिनमें से नौ सीट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व होगी. जम्मू-कश्मीर जब राज्य था उस वक्त 87 सीट थीं. इनमें कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और लद्दाख में चार सीटें थी. राज्य के पुनर्गठन के दौरान, लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया, जहां विधायिका का प्रावधान नहीं है.


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