Arvind Kejriwal Petition: सुप्रीम कोर्ट में कथित आबकारी पॉलिसी घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की उस अर्जी पर सोमवार यानी 29 अप्रैल को सुनवाई करने वाला है, जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर सकती है. केजरीवाल ने पहले शीर्ष अदालत से कहा था कि इस मामले में उनकी गैर कानूनी तौर पर गिरफ्तारी, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और संघवाद पर आधारित लोकतंत्र के उसूलों पर एक अभूतपूर्व हमला है.


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"केजरीवाल की गिरफ्तारी ED की मनमानी"
इस मामले में गिरफ्तारी को चैलेंज देने वाली उनकी पिटीशन पर दायर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के जवाबी हलफनामे के प्रत्युत्तर में केजरीवाल ने कहा कि, लोकसभा इलेक्शन से ठीक पहले उनकी गिरफ्तारी का तरीका और वक्त एजेंसी की मनमानी के बारे में बहुत कुछ कहता है. उन्होंने कहा है कि उनकी गिरफ्तारी ऐसे वक्त में हुई है, जब इलेक्शन से संबंधित आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी. केजरीवाल ने दावा किया कि यह एक अहम मामला है कि, कैसे मरकजी हुकूमत ने आम आदमी पार्टी और उसके लीडरों को कुचलने के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत ईडी और इसकी ताकतों का गलत इस्तेमाल किया है.


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21 मार्च को हुई थी केजरीवाल की गिरफ्तारी
इसमें दावा किया गया है कि, आम चुनाव का ऐलान होने और आदर्श आचार संहिता लागू होने के पांच दिन बाद ईडी ने एक मौजूदा सीएम और नेशनल अपोजिशन पार्टियों में से एक के राष्ट्रीय संयोजक को गैर कानूनी तौर से पकड़ लिया. बता दें कि, ईडी ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार लिया था क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें धनशोधन रोधी संघीय एजेंसी द्वारा दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण देने से मना कर दिया था. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की अर्जी पर उससे जवाब मांगा था.


 2021-22 का है मामला
हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को धनशोधन मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखा था और कहा था कि इसमें कुछ भी गैर कानूनी नहीं है. उच्च न्यायालय ने कहा कि बार-बार समन जारी करने और जांच में शामिल होने से मना करने के बाद ईडी के पास कम ऑप्शन बचे थे. यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को बनाने और क्रियान्यन में कथित बदउन्वानी और धनशोधन से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था.