लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कांग्रेस बड़ा झटका; प्रदेश प्रमुख ने दिया इस्तीफा
Delhi Congress Chief Resigns: दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंद सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वह दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने को लेकर नाराज हैं.
Delhi Congress Chief Resigns: लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, पार्टी अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. अरविंदर सिंह लवली ने अपने इस्तीफे में लिखा कि "दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के आधार पर बनी थी. इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया." लवली को अगस्त 2023 में इस पद पर नियुक्त किया गया था.
इस्तीफे में क्या लिखा?
लवली ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे अपने पत्र में कहा कि आम आदमी पार्टी की तरफ से कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बावजूद, पार्टी ने उनके साथ गठबंधन (इंडिया ब्लॉक) किया. "दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के आधार पर बनी थी और जिसके आधे कैबिनेट मंत्री वर्तमान में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं. इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया," लवली ने खड़गे को लिखे अपने पत्र में कहा.
सभी फैसलों को कहा हां
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली कांग्रेस के सीनियर नेताओं की तरफ से लिए गए सभी सर्वसम्मत फैसलों को एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने एकतरफा वीटो कर दिया है. उन्होंने लिखा कि "डीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद से, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे डीपीसीसी में कोई भी नियुक्ति करने की इजाजत नहीं दी है. डीपीसीसी के मीडिया प्रमुख के रूप में एक अनुभवी नेता की नियुक्ति की मेरी गुजारिश को साफ तौर से अस्वीकार कर दिया गया था. आज, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने डीपीसीसी को शहर में सभी ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति करने की इजाजत नहीं दी है, जिसके नतीजे में दिल्ली में 150 से ज्यादा ब्लॉकों में वर्तमान में कोई ब्लॉक अध्यक्ष नहीं है.
पार्टी के फैसले का सम्मान
उन्होंने कहा कि "हमने पार्टी के आखिरी फैसले का सम्मान किया. न केवल मैंने सार्वजनिक रूप से फैसले का सपोर्ट किया, बल्कि मैंने यह भी सुनिश्चित किया कि पूरी राज्य इकाई हाईकमान के अंतिम आदेश के हिसाब से हो."