Delhi News: दिल्ली की एक कोर्ट से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) दिल्ली के चेयरमैन परवेज अहमद की रेगुलर बेल पिटीशन खारिज कर दी है. उन्हें  नकद दान के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में संदिग्ध संलिप्तता के इल्जाम में अरेस्ट किया गया था.पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशन जज चंदर जीत सिंह ने पीएमएलए की सेक्शन के तहत मांगी गई जानकारियां नहीं दे पाने का हवाला देते हुए बेल पिटीशन खारिज ( Bail Petition ) कर दी.


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इसके अलावा, कोर्ट ने इसी मामले में मोहम्मद इलियास (सेक्रेटरी, पीएफआई-दिल्ली) और अब्दुल मुकीत (ऑफिस सेक्रेटरी, पीसीआई-दिल्ली) द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.


डोनेशन और बैंक खाता लेनदेन में शामिल न होने के अहमद के दावे के बावजूद कोर्ट ने परवेज अहमद के लिए पीएफआई के संविधान में उल्लिखित जिम्मेदारियों पर जोर दिया, जिसमें राज्य के अधिकार क्षेत्र के भीतर संगठनात्मक गतिविधियों की निगरानी करना शामिल है.


प्रवर्तन निदेशालय (ED) का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं ने ठोस सबूत पेश करते हुए कहा कि अहमद ने साल 2018 से अध्‍यक्ष के रूप में आपराधिक साजिश में अहम  भूमिका निभाई, खासकर दिल्ली में रकम जुटाने की एक्टीविटीज  में.


जांच में फंड सोर्स में विसंगतियों का खुलासा हुआ, जो योगदान की जानबूझकर गलत बयानी के साथ-साथ नकदी की हेराफेरी की तरफ इशारा करती है. प्रवर्तन निदेशालय ने पहले के दावों की साफ किया है कि साल 2018 में शुरू की गई PFI की चल रही पीएमएलए जांच में पीएफआई और  इससे जुड़े संस्थाओं के खातों में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा की जमा राशि का पता चला है, जिसमें एक अहम हिस्सा नकद जमा का है.