Farmers Protest: दिल्ली-नोएडा में ट्रैफिक जाम, प्रोटेस्ट करेंगे किसान, जानें क्या हैं मांग?
Delhi-Noida Traffic: दिल्ली में किसान आज मार्च करने वाले हैं. जिसकी वजह से कई जगहों पर जाम देखने को मिल रहा है. पुलिस ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर्स पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं.
Delhi-Noida Traffic: पंजाब के किसानों ने ऐलान किया है कि वे एमएसपी यानी मिनिमम सेलिंग प्राइस पर चर्चा की मांग को लेकर इस हफ्के दिल्ली तक मार्च करेंगे. पुलिस ने आज नोएडा से दिल्ली आने-जाने वालों के लिए बैरिकेड्स लगा दिए हैं और इसके साथ ही एडवाइजरी जारी की है. यह मार्च भारतीय किसान परिषद (BKP) के नेतृत्व में किया जा रहा है.
दिल्ली नोएडा के हाईवेज़ पर ट्रैफिक जाम
प्रदर्शनकारी किसान दोपहर 12 बजे नोएडा के महा माया फ्लाईओवर से अपना मार्च शुरू करेंगे. मौके से मिली तस्वीरों में दिल्ली की ओर जाने वाली सड़क पर भारी ट्रैफिक जाम दिखाई दे रहा है. बता दें, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
6 दिसंबर को और भी किसान होंगे प्रदर्शन में शामिल
6 दिसंबर से और भी किसान इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले हैं. यह मार्च रोजाना सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा. आंदोलनकारी किसान रातें सड़क पर ही बिताएंगे.
क्या डिमांड कर रहे हैं किसान?
रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान 293 दिनों से शंभू और खनौरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने भाजपा नीत सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसने 18 फरवरी के बाद से किसानों के साथ कोई बातचीत नहीं की है. उन्होंने केंद्र पर बातचीत से बचने का आरोप लगाया और दोहराया कि किसान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को खारिज करते हैं और इसके बजाय फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग करते हैं.
एमएसपी पर कानूनी गारंटी के अलावा, प्रदर्शनकारी कृषि ऋण माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए "न्याय", भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रियों - अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय - के तीन सदस्यीय पैनल ने 18 फरवरी को किसान प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की थी, लेकिन किसानों ने पांच साल तक एमएसपी पर दालें, मक्का और कपास खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.