नई दिल्ली : दिल्ली तशद्दुद की सुनवाई करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस. मुरलीधर (Justice S. Murlidhar) का तबादला कर दिया गया है..12 फरवरी को की गई तबादले की सिफारिश में उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट रिपोर्ट करने को कहा गया है..सद्रे जम्हूरिया राम नाथ कोविंद ने सीजेआई बोबडे (Chief Justice of India Justice S.A. Bobde)के मश्वरे पर दिल्ली हाई कोर्ट के जज एस मुरलीधर को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज के रूप में पद संभालने का निर्देश दिया।बता दें कि जज मुरलीधर दिल्ली हाईकोर्ट के तीसरे सीनियर जज हैं।



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शुमाल-मश्रिक़ी (North-East) दिल्ली तशद्दुद मामले पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में आगे की समाअत होनी है। बता दें कि दिल्ली तशद्दुद मामले में कल हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने सख्त तब्सिरा करते हुए कहा था कि कोर्ट और पुलिस के होते हुए दूसरा 1984 नहीं देख सकते। तशद्दुद मामले पर समाअत के दौरान हाईकोर्ट ने पुलिस से नाराज़गी जताते हुए कहा था कि पुलिस तशद्दुद करने वालों के ख़िलाफ़ सख्त कदम उठाए..भड़काऊ बयान देने वालों पर FIR दर्ज करे..और पुलिस लोगों को भरोसा दिलाए कि ..वो महफूज़ हैं...कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली में हालात बेहद कशीदा हैं.


साल 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट में जज बने जस्टिस मुरलीधर कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं. मुरलीधर उस बेंच का भी हिस्सा थे, जिसने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 377 को गैर आपराधिक घोषित किया था. दिल्ली हाईकोर्ट में सीनियॉरिटी में नंबर 3 पर रहे जस्टिस मुरलीधर, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रवि शंकर झा के बाद दूसरे नंबर पर होंगे.


गौरतलब है कि दिल्ली होईकोर्ट के जज रहे एस मुरलीधर का तबादला किए जाने के मुखालिफत में जुमेरात को कोर्ट में वकील काम पर नहीं पहुंचे. होईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी जज के ट्रांसफर पर हैरानी जताई थी.एसोसिएशन के कार्यकारिणी सदस्य (Executive member) वकील नागेंद्र बेनीपाल ने कहा, ‘बार के सभी मेंबरान ने मुज़ाहिरे में सहयोग किया क्योंकि जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला अनूठे से भी अनूठा मामला है और हमारी ऑर्गेनाइजेशन की मर्यादा दांव पर है.बार एसोसिएशन ने बुधवार को कार्यकारिणी की मीटिंग में मेंबरान से जुमे की रात को मुखालिफत दर्ज कर काम पर नहीं आने का अपील की थी.


दिल्ली हाईकोर्ट ने कल समाअत के दौरान बीजेपी के तीन लीडरान की तकरीर के वीडियो भी देखे..वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि पुलिस अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा पर FIR दर्ज करने पर ग़ौर करे..इस बीच वज़ीरे आज़म मोदी ने दिल्ली वालों से अमन बनाए रखने की अपील की है..'अमन और यकजहती हमारा मिज़ाज है। मैं दिल्ली के भाइयों, बहनों से अमन और इत्तेहाद की अपील करता हूं। जल्दी से जल्दी अमन और हालात को मामूल पर लाना जरूरी है।'


कांग्रेस लीडर रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली HC के जस्टिस एस. मुरलीधर के ट्रांसफर पर बयान दिया कि 26 फरवरी को दिल्ली HC के जस्टिस एस. मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह ने दंगा भड़काने में बीजेपी के लीडरान की भूमिका पहचान कर उनके खिलाफ FIR दर्ज़ करने और दिल्ली पुलिस को आईन और कानून के अंदर कार्रवाई करने के भी आदेश दिए थे पर इस बात पर उनका ट्रांसफर कर दिया.



दिल्ली के अलग-अलग हिस्से में जो हालात हैं उस पर तफ्सील से ग़ौरोखोज़ किया जा रहा है। पुलिस और दूसरी एजेंसियां अमन बहाली को यक़ीनी बनाने के लिए काम कर रही है । दिल्ली में हुए तशद्दुद को लेकर सियासत भी हो रही है...लेकिन ये वक्त सियासत का नहीं बल्कि अमन की अपील करने का है


सीएए के मुखालिफत के मुज़ाहिरे के दौरान दिल्ली तशद्दद में घायलों को सिक्योरिटी और बेहतर इलाज के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर के घर आधी रात को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए थे कि वह मुस्तफाबाद के एक अस्पताल से एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता दे और मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराया जाए।


गौरतलब है कि न्यायमूर्ति मुरलीधर ने सितंबर 1984 में चेन्नई में अपनी कानून की प्रैक्टिस शुरू की थी। 1987 में उच्चतम न्यायालय और दिल्ली हाईकोर्ट में उनका ट्रांसफर हुआ। उन्हें 2006 में दिल्ली उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।