Delhi News: दिल्ली शराब नीति घोटाले की जांच के बीच भाजपा ने शनिवार को कहा कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने कथित तौर पर आप कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारियों के रूप में भर्ती किया. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि "आप सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सरकारी नौकरियां दी हैं."


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एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि "AAP कार्यकर्ता दिल्ली सरकार के पेरोल पर थे. लेकिन केजरीवाल के लिए काम कर रहे थे. खासकर उनकी सोशल मीडिया टीम के लिए काम कर रहे है." उन्होंने आगे आम आदमी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि "कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का ऐलान करने वाले केजरीवाल अब पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं."


जानकारी के लिए बता दें कि भाजपा का आरोप राष्ट्रीय राजधानी में कई सरकारी विभागों में विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहे 400 से अधिक लोगों की सेवाएं उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर सेवा विभाग द्वारा समाप्त किए जाने के कुछ दिनों बाद आया है. जिन लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है. उन्हें कथित तौर पर AAP सरकार द्वारा गैर-पारदर्शी तरीके से और अधिकारियों से अनिवार्य मंजूरी के बिना नियुक्त किया गया था.


दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने हटाए गए कर्मचारियों के नाम सार्वजनिक करने की बात कहते हुए कहा कि "जिन 116 लोगों के नाम जारी किए गए हैं. उनमें से कई लोगों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिए हैं." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि "आप विधायक की पत्नी को सरकार के वेतन पर रखा गया था."


समाचार एजेंसी पीटीआई से सचदेवा ने कहा कि "किसी भी व्यक्ति के लिए सरकारी पैसे से किसी राजनीतिक दल के लिए काम करना असंवैधानिक है. जैसा कि AAP कैडर कर रहे हैं और बीजेपी इसका कड़ा विरोध करती है. पिछले एक महीने में आम आदमी पार्टी के 107 कार्यकर्ताओं को सरकार की ओर से वेतन के रूप में उच्च वेतन का भुगतान किया गया है." 


आम आदमी पार्टी ने दी प्रतिक्रिया
आरोपों के जवाब देते हुए AAP ने कहा कि "भाजपा ने दिल्ली सरकार के संविदा कर्मचारियों" को उनके सोशल मीडिया पोस्ट या लाइक के आधार पर पार्टी कार्यकर्ता के रूप में लेबल किया था. यह कहते हुए कि भाजपा "हास्यास्पद" थी और "गहरी हताशा" को दर्शाती थी." आगे AAP ने यह भी कहा कि "उपराज्यपाल ने अपने अवैध आदेशों के जरिए जिन 400 लोगों को बर्खास्त करने की मांग की है. उन्हें संबंधित विभागों के विशिष्ट नियमों और शर्तों के अनुपालन के बाद नियुक्त किया गया है."


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