DK Shivkumar: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त जीत हासिल कर भाजपा को हार का मुंह दिखाया. कांग्रेस ने राज्य के विधानसभा चुनाव में 135 सीटें जीतकर बहुमत हासिल की है. 13 मई को आए नतीजों के बाद आज यानी 17 मई तक पार्टी ने राज्य का मुख्यमंत्री चेहरा चुना. खबर लिखे जाने तक जराए के हवाले से खबर सामने आई है कि पार्टी आला कमान ने सिद्धारमैया ने को राज्य का मुख्यमंत्री चुना है. जबकि इस रेस में दूसरा नाम डीके शिवकुमार का था. अब कुछ लोग इसके पीछे की वजह तलाश कर रहे हैं. इस खबर में हम आपको एक बड़ी वजह बता रहे हैं, जिसका जिक्र अक्सर लोग कर रहे हैं. 


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दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले डीके शिवकुमार ने राज्य के मौजूदा डीजीपी प्रवीण सूद (Praveen Sood) पर संगीन आरोप लगाए थे. शिवकुमार ने कहा था कि डीजीपी भारतीय जनता पार्टी को प्रोटेक्शन दे रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि प्रवीण सूद डीजीपी पद के लायक नहीं है. वो नालायक हैं और वो पिछले तीन वर्षों से भाजपा वर्कर की तरह काम कर रहे हैं. डीकी ने डीजीपी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि था उन्हें गिरफ्तार किया जाए. 


चुनाव से पहले दिया गया ये बयान उनके गले की हड्डी बन सकात था. क्योंकि अब डीजीपी प्रवीण सूद सीबीआई डायरेक्टर बन चुके हैं. जिस वक्त कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान हो रहा था उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की सहमति से डीजीपी प्रवीण सूद को सीबीआई का नया डायरेक्टर चुन लिया गया था. हालांकि अधीर रंजन चौधरी प्रवीण सूद के नाम पर खुश नहीं थे. 


ऐसे में हो सकता है कि कांग्रेस आला कमान ने डीके शिवकुमार और प्रवीण सूद के बीच चल रही अनबन को देखते हुए भी यह सिद्धारमैया को सीएम बनाया हो. क्योंकि हो सकता है कि प्रवीण सूद सीबीआई डायरेक्टर के पद पर बैठने के बाद डीकी शिवकुमार की फाइलें खोल लें और राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ केस खुलने पर पार्टी की साख को बड़ा धब्बा लग सकता है. हालांकि सिद्धारमैया को सीएम चुनने के पीछे कई और वजहें भी हो सकती हैं. लेकिन कुछ लोग इस बारे में भी चर्चा कर रहे हैं. 


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