बचाव कर्मियों ने मंगलवार को उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में मलबे के अंदर 60 मीटर तक ड्रिलिंग का काम पूरा कर लिया. 16 दिन से इसमें फंसे मजदूरों के अब जल्द बाहर निकलने की उम्मीद है. उत्तराखंड सरकार के एक सीनियर अफसर ने बताया कि ड्रिलिंग पूरी हो गई है. संवाददाताओं के सवाल पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने तत्काल इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि बचाव पाइप के अंतिम हिस्से को ड्रिल किए गए रास्ते से डाला जा रहा है. सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे 41 मजदूर इसके अंदर फंस गए थे.


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मजदूरों को बाहर निकालने के बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कई इंतेजाम किए गए हैं. डॉक्टर्स की टीम के साथ टनल के पास 41 एंबुलेंस खड़ी की गई हैं. टनल के बाहर ही एक टंपरेरी अस्पताल बनाया गया है. यहां पहले मजदूरों का टेस्ट होगा. इसके बाद उन्हें एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा जाएगा. अस्पताल में 41 मजदूर तैयार रखे गए हैं. मजदूरों के परिवार से कहा गया है कि वह मजदूरों के कपड़े समेत जरूरी चीजें तैयार रखें. 


सिलकियारा टनल के पास उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद हैं. उन्होंने बचाव काम के बारे में पीएम मोदी को अपडेट दिया है. उन्होंने कहा है कि "मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात हैं." धामी के मुताबिक "फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ को तैनात किया गया है. मौके पर डॉक्टर की टीम भी मौजूद है. सभी अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है. अस्पताल में 41 बेड तैयार रखे गए हैं. टनल में फंसे मजदूरों को सीधा यहीं लाया जाएगा."


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