छात्रों में गणित का `डर` खत्म करेगी सरकार; अब कला, भाषा और खेल का हिस्सा होगा ये विषय
सरकार ने स्कूली शिक्षा के लिए नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा का प्री-ड्राफ्ट जारी कर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकां से उनका फीडबैक मांगा है. इसमें कई क्रांतिकारी बदलाव के संकेत दिए गए हैं.
नई दिल्लीः शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नई रूपरेखा का 'प्री-ड्राफ्ट’ गुरुवार को जारी कर इसपर छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और विद्वानों से सुझाव मांगा है. यह अभी एक प्री-ड्राफ्ट है, जिस पर राष्ट्रीय संचालन समिति के अंदर कई दौर की चर्चा होना बाकी है. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) के मसौदे के मुताबिक गणित को कला, खेल और भाषा के साथ एकीकृत किये जाने का प्रस्ताव दिया गया है ताकि स्कूली छात्रों के लिए इस विषय को ज्यादा रचनात्मक और सुरुचिपूर्ण बनाया जा सके.
सरकार ने कहा है, "मसौदे में छात्रों के बीच गणित के डर को दूर करने और इन प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को खत्म करने के लिए कदम उठाने पर भी जोर दिया गया है कि लड़कियों को गणित में महारत हासिल नहीं होती और उच्च जाति के छात्रों में इस विषय को समझने की ज्यादा क्षमता होती है.’’ सरकार ने कहा है कि इस तरह के सामाजिक पूर्वाग्रह भी छात्रों में डर और चिंता की वजह बनते हैं. हमें समाज में मौजूद इन मान्यताओं को खत्म करने जरूरत है.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के मुताबिक दो प्रमुख पहलू हैं जो गणित के डर का कारण बनते हैं. एक विषय की प्रकृति और दूसरा इसे समाज में कैसे पढ़ाया जा रहा है, और कैसे समझा जा रहा है. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अंतिम चरण के मसौदे को जल्द ही सार्वजनिक करके हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी जाएगी और नई शैक्षिक व्यवस्था 2024 के शैक्षणिक सत्र से लागू की जाएगी. गौरतलब है कि एनसीएफ को आखिरी बार 2005 में संशोधित किया गया था.
सरकार ने कहा है, "नए एनसीएफ के मुताबिक पाठ्यपुस्तकें अगले साल से शुरू की जाएंगी. शिक्षा मंत्रालय ने 5+3+3+4 ’पाठ्यचर्या और शैक्षणिक’ संरचना के आधार पर चार राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) तैयार की है, जिसकी एनईपी 2020 ने स्कूली शिक्षा के लिए सिफारिश की है.’’ मंत्रालय ने अक्टूबर 2022 में 3-8 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए मूलभूत चरण के लिए एनसीएफ लॉन्च किया था. उस नीति को जारी करते हुए, स्कूली शिक्षा के लिए अगला एनसीएफ तैयार किया जा रहा है.
एनसीएफ को अबतक चार बार 1975, 1988, 2000 और 2005 में संशोधित किया गया है. नया प्रस्तावित संशोधन ढांचे का पांचवां संशोधन होगा. इसरो के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने प्री-ड्राफ्ट तैयार किया है.
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