रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने सोमवार को झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में एक बार फिर विश्वास मत हासिल किया है. 82 सदस्यीय सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पर सरकार के पक्ष में 48 मत पड़े, जबकि भाजपा और आजसू पार्टी के सदस्यों ने मत विभाजन के समय सदन का बहिष्कार कर दिया. इसके साथ ही स्पीकर ने विधानसभा के विशेष सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा की.


लोकतंत्र को बचाने के लिए लाया गया प्रस्ताव


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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा की साजिशों का जवाब देने, लोकतंत्र को बचाने और राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को संदेश देने के लिए यह प्रस्ताव लाया गया है. उन्होंने कहा जब से उनकी सरकार ने शपथ ली है, तभी से भाजपा दूसरी पार्टी के विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिशों मे जुटी है. 


चुनाव आयोग पर बोला हमला


सीएम ने विश्वास प्रस्ताव पर अपने भाषण के दौरान झारखंड के राज्यपाल और चुनाव आयोग पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि "राज्य के यूपीए नेताओं ने जब चुनाव आयोग से आये पत्र पर स्थिति साफ करने का आग्रह किया तो उन्होंने एक-दो दिनों में निर्णय लेने की बात कही, लेकिन इसके अगले ही दिन पिछले दरवाजे से दिल्ली निकल गये."


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डराने-धमकाने का प्रयास होगा सफल


उन्होंने झारखंड विधानसभा के भाजपा विधायक समरी लाल के बारे में कहा कि वह फर्जी सर्टिफिकेट पर विधान बनकर बैठे हुए हैं, लेकिन उसपर चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं करता है. सोरेन ने कहा कि उन्हें डराने-धमकाने का कोई प्रयास सफल नहीं होगा. सभी विपक्ष देख लें कि हम सभी साथ हैं. अगली बार बीजेपी राज्य कि किसी सीट पर अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएगी.


हिंदू-मुस्लिम का नारा देकर जनता को सड़क पर लाए


सोरेन ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाले ये लोग सिर्फ व्यापारी हैं. गरीबों के लिए इनके पास पैसा नहीं है. गैर बीजेपी राज्यों में सरकार को किसी भी तरह अस्थिर करने का काम हो रहा है. हिंदू-मुस्लिम का नारा देकर जनता को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है.
मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान भाजपा सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया. इसके पूर्व भाजपा की ओर से बोलते हुए नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि इस सरकार को अपने ही लोगों पर विश्वास नहीं है, इसलिए इन्होंने यह प्रस्ताव लाया है.


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