नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय बुधवार को आल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन (All India Imam organization) के चीफ डॉक्टर उमर अहमद इलियासी (Umar Ahmad Ilyasi) को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा (Y Plus Security) मुहैया कराने का आदेश दिया है. इमाम ने हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chirf Mohan Bhagwat) से मुलाकात कर उन्हें राष्ट्रपिता बताया था, जिसके बाद वह कुछ लोगों के निशाने पर आ गए थे. उन्हें जान से मारने की धमकियां भी दी जा रही थी.  
जानकारी के मुताबिक, इमाम इलियासी ने सोशल मीडिया पर भी धमकी मिलने की बात कही थी. वहीं, हाल ही में उन्होंने पीएफआई पर बैन का समर्थन भी किया था. इन्हीं सब वजहों से उन्हें देश और विदेश से धमकियों वाले फोन आ रहे थे. इलियासी को मिल रही धमकियांं की रिपोर्ट खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो ने गृह मंत्रालय को दी थी, जिसके बाद मंत्रालय ने उन्हें वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान करने का फैसला लिया है.

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भागवत को राष्ट्रपिता बताने पर हुई थी आलोचना 
गौरतलब है कि इमाम उमर अहमद इलियासी ने हाल ही में संघ पमुख मोहन भागवत से दिल्ली की एक मस्जिद में मुलाकात की थी. इस मुलाकात में उन्होंने संघ प्रमुख भागवत को राष्ट्रपिता बताया था, जिसकी काफी आलोचना की गई थी, क्यों भारत में राष्ट्रपिता सिर्फ महात्मा गांधी को कहा जाता है. इलियासी के इस बयान के बाद उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. आल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन अपने को सबसे बड़ा इमाम संगठन बताता है, और राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मान्यता होने का दावा करता है. डॉक्टर उमर अहमद इलियासी इसी संगठन के प्रमुख हैं.

इलियासी और संघ प्रमुख की मुलाकात के निकाले गए थे कई मायने 
उमर अहमद इलियासी और मोहन भागवत के इस मुलाकात और भागवत के अचानक से दिल्ली की मस्जिद और मदरसे के दौरे को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, कि संघ मुसलमानों, मदरसों और मस्जिदों को लेकर शायद अपना नजरिया बदल रहा है. लेकिन संघ ने दो दिन बाद ही अपने प्रमुख के दौरे को लेकर साफ कर दिया था कि यह एक अनौपचारिक और व्यक्तिगत दौरा था. इलियासी के पिता और संघ के पूर्व प्रमुख केसी सुदर्शन दोनों अच्छे मित्र  थे और तब से संघ से इलियासी के परिवार की नजदीकी है. इस दौरे से पूरे मुस्लिम समुदाय से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. वहीं, कुछ लोगों ने इलियासी के संगठन को भी स्वयंभू और फर्जी संगठन करार देकर उनकी आलोचना की थी. 



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