Imane Khelif का गोल्ड जीतने के बाद हेटर्स को कड़ा जवाब, IBA को भी लिया आड़े हाथों
Imane Khelif statement: गोल्ड मेडल जीतने के बाद ईमान खलीफ का बयान आया है, उन्होंने उन लोगों को मुंह तोड़ जवाब दिया है, जो उनकी आलोचना कर रहे थे. आइये जानते हैं पूरी डिटेल
Imane Khelif statement: लिंग विवाद से घिरे इमान खलीफ ने पेरिस ओलंपिक 2024 में चीन की विश्व चैंपियन यांग लियू को हराकर गोल्ड मेडल जीत लिया है. वह महिलाओं के 66 किग्रा कैटेगरी में सर्वसम्मत फैसले से गोल्ड मेडल जीतने वाली बनी हैं. अपनी इस जीत के बाद खलीफ ने चुप्पी तोड़ी है और कहा कि वह महिला की तरह पैदा हुई हैं और महिला की तरह की पली बढ़ी हैं.
क्या बोलीं इमान खलीफ
25 साल की खलीफ अल्जीरिया की महिला मुक्केबाजी में पहली ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं और 1996 के बाद से स्वर्ण पदक जीतने वाली उनकी पहली समग्र मुक्केबाज हैं. खलीफ ने कहा,"मैं योग्य हूं या नहीं, मैं महिला हूं या नहीं, मैंने मीडिया में कई बयान दिए हैं. मैं इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पूरी तरह से योग्य हूं. मैं किसी भी अन्य महिला की तरह एक महिला हूं. मैं एक महिला के रूप में पैदा हुई, मैंने एक महिला के रूप में जीवन जिया, मैंने एक महिला के रूप में प्रतिस्पर्धा की, इसमें कोई संदेह नहीं है. [आलोचक] सफलता के दुश्मन हैं, मैं उन्हें यही कहती हूं, और इन हमलों की वजह से मेरी कामयाबी को एक खास स्वाद भी मिलता है."ॉ
अब बदली है लोगों की सोच
खलीफ ने कहा, "अब मेरा सम्मान बरकरार है. लेकिन सोशल मीडिया पर मैंने जो हमले सुने, वे बेहद बुरे थे और उनका कोई मतलब नहीं था, और वे लोगों की गरिमा को प्रभावित करते थे और मुझे लगता है कि अब लोगों की सोच बदल गई है.
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आईबीए ने लिया था बड़ा फैसला
विवाद तब शुरू हुआ जब अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (IBA) ने XY क्रोमोसोम की मौजूदगी की वजह से 2023 में होने वाली वर्ल्ड मुक्केबाजी चैंपियनशिप से इमान खलीफ और ताइवान के लिन यू-टिंग को अयोग्य घोषित कर दिया था. हालांकि, IBA से मुक्केबाजी की वैश्विक शासी संस्था का दर्जा छीन लिया गया और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने इसे अपने हाथ में ले लिया और दोनों मुक्केबाजों को प्रतियोगिता के लिए योग्य पाया.
इमान ने लिया आईबीए को आड़े हाथों
इमान खलीफ ने आईबीए की कार्रवाई की आलोचना की और इस बात पर अड़ी रहीं कि उनका सम्मान किसी भी अन्य चीज से ऊपर है. इमान कहती हैं, "जहां तक आईबीए की बात है, तो 2018 से मैं उनकी छत्रछाया में मुक्केबाजी कर रही हूं. वे मुझे बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, वे जानते हैं कि मैं क्या करने में सक्षम हूं, वे जानते हैं कि मैंने पिछले कुछ सालों में कैसे विकास किया है, लेकिन अब वे मुझे पहचान नहीं पाते हैं. वे मुझसे नफरत करते हैं और मुझे नहीं पता कि क्यों. मैं उन्हें एक ही संदेश देता हूं: इस स्वर्ण पदक के साथ, मेरी गरिमा, मेरा सम्मान हर चीज से ऊपर है."