Safest Airplane Seat: विंडो या फ्रंट नहीं, ये है प्लेन की सबसे सेफ सीट, क्रैश होने पर भी बच जाती है जान!
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Safest Airplane Seat: विंडो या फ्रंट नहीं, ये है प्लेन की सबसे सेफ सीट, क्रैश होने पर भी बच जाती है जान!

Safest Airplane Seat: अगर आप ज्यादातर हवाई यात्रा करते हैं, तो बेहतर होगा कि आप उन सीटों पर बैठें जो इमरजेंसी एग्जिट के पास हो, जिससे आपको जल्दी बाहर निकलने का मौका मिले. आज हम जानेंगे कि प्लेन की सबसे सेफ सीट कौन सी होती है और क्यों...

Safest Airplane Seat: विंडो या फ्रंट नहीं, ये है प्लेन की सबसे सेफ सीट, क्रैश होने पर भी बच जाती है जान!

Seat Selection In Airplane Crashes: आजकल हवाई यात्रा एक सामान्य बात बन गई है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्लेन में बैठने के लिए सबसे सेफ सीट कौन सी है? क्या यह विंडो सीट है, जो आपको खूबसूरत नजारे देती है या फिर फ्रंट सीट, जहां से सफर ज्यादा आरामदायक लगता है? हकीकत में ये सीटें उतनी सुरक्षित नहीं हैं जितनी आपको लगता है. चलिए आइए जानते हैं कि प्लेन की सबसे सेफ सीट कौन सी है और क्यों...

सेफ्टी स्टैंडर्ड:
कई बार दुर्घटनाओं के बाद सवाल उठते हैं कि कौन सी सीट पर बैठकर आप ज्यादा सुरक्षित महसूस कर सकते हैं? हाल ही में हुए एक विमान हादसे के बाद इस सवाल ने फिर से तूल पकड़ा.  हालांकि, यह घटना मिसाइल हमले के कारण थी, लेकिन इसके बाद इसके बाद यह सवाल उठना लाजिमी है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि कुछ सीटों पर बैठने से जिंदगियों को बचाया जा सकता है. ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो बुधवार को रूस के दक्षिणी गणराज्य चेचन्या में उतरने का कोशिश करने के बाद अज़रबैजान एयरलाइंस के विमान के कजाकिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त होने और 38 लोगों की मौत के बाद फिर से सामने आए हैं. 

फुटेज में आपदा के बाद लोगों को एम्ब्रेयर 190 विमान के मलबे से रेंगते हुए दिखाया गया है. दुर्घटना में तीन बच्चों समेत 29 यात्री बच गए. अज़रबैजान एयरलाइंस दुर्घटना में फ्लाइट में पीछे बैठे लोग जीवित बचे लोगों में से कुछ हैं. ऐसी किसी भी घटना में लोगों का जीवित रहना काफी हद तक परिस्थितियों पर निर्भर करता है  और बहुत से लोगों को मिसाइलों द्वारा गिराया नहीं जाता है. फिर भी इसने यह सवाल फिर से जगा दिया है कि क्या हवाई जहाज की कुछ सीटें बेहतर संभावनाएं प्रदान करती हैं? 

सीट स्थान के अनुसार जीवित रहने की दर
टाइम्स मैगजीन द्वारा की गई एक जांच में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के 35 साल के डेटा का विश्लेषण किया गया है. स्टडी से पता चलता है कि विमान के पिछले तीसरे हिस्से में बैठे यात्रियों की जीवित रहने की दर ज्यादा होती है. आंशिक तौर पर ऐसा इसलिए है, क्योंकि सिर पर लगने वाले प्रभावों में पीठ अक्सर कम प्रभावित होती है.

टाइम्स के अनुसार, पीछे के तीसरे स्थान पर बैठे यात्रियों की मृत्यु दर 32 प्रतिशत थी, जबकि मिडिल थर्ड के लिए 39 फीसदी और फ्रंट थर्ड के लिए 38 फीसदी थी. बैक की मिडिल सीटों में सबसे कम मृत्यु दर 28 प्रतिशत थी, जबकि मिडिल सेक्शन में गलियारे की सीटों की तुलना में, जिसमें मृत्यु दर 44 फीसदी थी. 

प्लेन के पीछे वाली सीट सबसे सुरक्षित:
कई रिसर्च और एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्लेन की पिछली सीटें सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाती हैं. 1971 के बाद की हवाई दुर्घटनाओं पर की गई एक जांच में यह पाया गया कि विमान के पीछे की सीटों पर बैठने वाले यात्रियों की मौतें कम होती हैं. इसके पीछे कारण यह है कि विमान के आगे के हिस्से की तुलना में पीछे का हिस्सा अधिक सुरक्षित रहता है, खासकर जब विमान का सामना किसी टक्कर से होता है.

मिडिल सीट का अहम योगदान:
विशेषज्ञों ने यह भी पाया कि मिडल सीट पर बैठने वाले लोग अक्सर ज्यादा सुरक्षित होते हैं. यह अध्ययन 1985 से 2000 तक की विमान दुर्घटनाओं पर आधारित था. मिडल सीट पर बैठे यात्रियों की मौत दर 28% थी, जबकि एग्जल सीटों पर यह दर ज्यादा थी. मिडल सीट यात्रियों को दोनों ओर से सुरक्षा प्रदान करती है, जो उन्हें हादसे में बचाने में मदद कर सकती है.

इमरजेंसी कंडीशंस पर डिपेंडेंसी:
हालांकि, यह भी कहना जरूरी है कि सीट की सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती है कि दुर्घटना किस प्रकार की हो. सीएनएन के अनुसार, यदि विमान पहाड़ से टकराता है या समुद्र में गिरता है, तो मिडल सीट भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो सकती. हालांकि, दुर्घटना के प्रकार के आधार पर ये सीटें ज्यादा सुरक्षित मानी जाती हैं.

इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठें:
ऐसी स्थिति में जब विमान में आग लगने या पानी में उतरने की संभावना हो, तो इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठना ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठे लोगों की दुर्घटना के बाद जीवित बाहर निकलने की ज्यादा संभावना होती है. विमान में आग लगने या पानी में उतरने की स्थिति में इमरजेंसी एग्जिट की सात लाइनों में होना एक महत्वपूर्ण फैक्टर है. एग्जिट से सबसे आगे या सबसे दूर वाली सीटों से बचें, क्योंकि बच निकलना ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है. 

सीट सिलेक्शन में ध्यान रखें ये बातें:
हवाई यात्रा करते समय हमेशा सीट का चयन करते वक्त उन सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखें जो यात्रियों को राहत प्रदान कर सकते हैं. अगर आप प्ले की पिछली सीट पर बैठते हैं, तो संभावना है कि आपको बेहतर सुरक्षा मिले. साथ ही इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठने का विकल्प भी चुनें, जिससे आप तेज़ी से विमान से बाहर निकल सकें.

वॉर जोन के पास उड़ान भरने का जोखिम
अज़रबैजान एयरलाइंस की दुर्घटना ने सिविल एविएशन के लिए जोखिमों को अंडरलाइन किया, तब भी जब प्लेन युद्ध क्षेत्र से सैकड़ों मील की दूरी पर उड़ान भर रहे हों. 
यह ऐसे समय में आया है, जब यूक्रेन ने फ्रंट लाइन के पीछे रूस पर जवाबी हमला करने की कोशिश के लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन तैनात किए हैं. 

रूस यूक्रेन के कम्युनिकेशन और जियोलोकेशन सिस्टम को भटकाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग का उपयोग करता है, जिसे वह एयर डिफेंस सिस्टम से भी निशाना बनाता है. 2020 में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने गलती से एक यूक्रेनी विमान को मार गिराया, जिससे उसमें सवार सभी 176 लोग मारे गए. साल 2014 में मलेशियाई एयरलाइंस की फ्लाइट MH17 को पूर्वी यूक्रेन के ऊपर मार गिराया गया था, जिसमें 298 पैसेंजर्स और क्रू की मृत्यु हो गई थी, डच इंवेस्टिगेटर्स ने कहा था कि यह रूसी BUK मिसाइल सिस्टम था. 

इस स्टडी से क्या मिलती है जानकारी?
हालांकि, इन सभी स्टडीज में बहुत कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है, फिर भी हमें यह समझना होगा कि कोई भी दुर्घटना अप्रत्याशित होती है और कोई निश्चित नहीं हो सकता कि कौन सी सीट 100 फीसदी सुरक्षित है. हां, सही सीट का चयन यात्रियों की सुरक्षा में मदद कर सकता है, लेकिन पूरे सफर के दौरान सभी सुरक्षा नियमों को फॉलो करना ज्यादा महत्वपूर्ण है.

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