Lok Sabha Speaker Election: लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. भारतीय जनता पार्टी की अगुआई वाली एनडीए की फिर से केंद्र में सरकार बनी है. नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बाद प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाली है. अब लोकसभा के स्पीकर को चुनने की बारी है. लेकिन इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है. विपक्षी गठबंधन "इंडिया" ने इस पद के लिए चुनाव से पहले बड़ी मांग की है. 


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दरअसल, सूत्रों ने बताया कि विपक्षी पार्टी भी स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार सकता है. हालांकि,  विपक्षी पार्टियों का कहना है कि अगर सत्तारूढ़ पार्टी उन्हें डिप्टी स्पीकर का पद देता है तो वे स्पीकर के चुनाव में अपना कैंडिडेट नहीं उतारेंगे.  


26 जून को स्पीकर पद के लिए चुनाव  
बता दें कि लोकसभा स्पीकर के लिए 26 जून को चुनाव होना है. लेकिन सदन के मेंबर उम्मीदवारों के सपोर्ट में प्रस्ताव के लिए एक दिन पहले दोपहर 12 बजे तक नोटिस दे सकते हैं. इसको लेकर लोकसभा की तरफ से जारी एक बुलेटिन भी जारी किया गया है.


18वीं लोकसभा की पहली बैठक 24 जून को होगी और सेशन तीन जुलाई को खत्म होगा. सेशन के पहले दो दिन नवनिर्वाचित मेंबरों के शपथ ग्रहण के लिए होंगे. वहीं, स्पीकर के चुनाव के लिए 26 जून की तारीख तय की गई है, जबकि 27 जून को प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को खिताब करेंगी.


इस बार बीजेपी की नहीं चलने देंगे मनमर्जी; विपक्षी पार्टियां
गौरतलब है कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अकेले दम पर बहुमत हासिल किया था. जिसके कारण  लोकसभा में स्पीकर पद पर BJP का दबदबा था. लेकिन इस बार लोकसभा में विपक्षी गठबंधन काफी मजबूत है, ऐसे में स्पीकर पद की भूमिका अहम होने वाली है.


विपक्षी पार्टियों ने तो पहले ही सत्तारूढ़ दलों को चेतावनी देते हुए कहा था कि इस बार सदन में बीजेपी की मनमर्जी नहीं चलने देंगे. दरअसल, पिछली यानी 17वीं लोकसभा में सदन में कई बार प्रदर्शन हुए. इतना ही नहीं शीतकालीन सेशन के दौरान 146 MPs को सस्पेंड भी कर दिया गया था.