नई दिल्ली:  वर्ल्ड पासपोर्ट इंडेक्स में भारत को 82वें स्थान पर रखा गया है, जिससे भारतीयों को अब इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड जैसे लोकप्रिय डेस्टिनेशन सहित 58 देशों में वीजा-मुक्त एंट्री की इज़ाज़त मिल गई है. यूके स्थित हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की नई रैंकिंग के मुताबिक, भारत का पासपोर्ट अब  82वें स्थान पर पहुंच गया है.  रैंकिंग इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के आंकड़ों पर आधारित होता है. 


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नई रैंकिंग में दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट के तौर पर अपना खिताब बरकरार रखते हुए सिंगापुर को पासपोर्ट सूचकांक में पहला स्थान दिया गया है. 
इसके नागरिक अब दुनिया भर के 227 में से 195 देशों में वीज़ा-मुक्त पहुंच का फायदा उठा सकते हैं. इस इंडेक्स में फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और स्पेन संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर आ गए हैं, इन सभी देशों के नागरिकों को 192 देशों में वीज़ा फ्री एंट्री मिली हुई है. इस लिस्ट में यूएई ने पहली बार शीर्ष 10 में जगह बनाई. 


ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, आयरलैंड, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया और स्वीडन  जैसे 7 देश ऐसे भी हैं, जहाँ के नागरिकों को दुनिया के 191 देशों में वीसा फ्री एंट्री मिली हुई है. इन देशों को  रैंकिंग में तीसरे स्थान दिया गया है. 


वीज़ा-मुक्त स्कोर 190 तक गिरने के बावजूद, यूके, बेल्जियम, डेनमार्क, न्यूजीलैंड, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड के पासपोर्ट को चौथे स्थान पर रखा गया है. इंडेक्स में कहा गया है कि दूसरी ओर, अमेरिका ने सूचकांक में एक दशक से भी ज्यादा से गिरावट जारी है, और सिर्फ 186 देशों तक वहां के नागरिकों को वीज़ा-मुक्त पहुंच मिला हुआ है. वहीँ, पासपोर्ट रैंकिंग में ये देश 8वें स्थान पर आ गया है.


IATA के मुताबिक, एयरलाइंस 2024 में 39 मिलियन उड़ानों पर 22,000 मार्गों पर लगभग 5 बिलियन लोगों को जोड़ेगी. एयर कार्गो 62 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा, जिससे 8.3 ट्रिलियन डॉलर के व्यापार की सुविधा होगी.


आईएटीए के महानिदेशक विली वॉल्श ने कहा, “हमारे उद्योग को इस साल लगभग $1 ट्रिलियन का राजस्व दर्ज करने की उम्मीद है. हालाँकि, खर्च भी 936 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच जायेगा.  शुद्ध लाभ 30.5 अरब डॉलर तक हो सकता है. ''