INS Vikrant: इंडियन नेवी के लिए आज एक अहम दिन है. नेवी की ताक़त और बढ़ी है, क्योकिं पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत INS Vikrant नेवी में शामिल हो गया है. पीएम मोदी ने कोच्चि में एक प्रोग्राम में इसे मुल्क के नाम समर्पित कर दिया. INS Vikrant के निर्माण में 20 हज़ार करोड़ रुपये की लागत आई है. इस पोत के भारतीय नैवी में शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी. 8 मंजिलें, 1,600 क्रू, 16-बेड अस्पताल कुछ ऐसा है विक्रांत का नया रूप. इसके साथ ही नेवी को नया ध्वज दिया गया है. पहले के ध्वज से अंग्रेज़ों की निशानी क्रॉस का रेड निशान हटा दिया गया है. उसकी जगह अब इसमें तिरंगा और अशोक चिह्न है, जिसे PM मोदी ने महाराज शिवाजी को समर्पित किया.


कैसे बना आईएनएस विक्रांत?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारत में बने आईएनएस विक्रांत को बनाने के लिए विदेशों से मदद ली गई है. इसके कलपुर्ज़े ग़ैर ममालिक से मंगाए गए हैं. जबकि प्रोजेक्ट का 76 फीसद हिस्सा देश में मौजूद संसाधनों से ही तैयार किया गया है. नेवी के अनुसार, इस युद्धपोत की जो चीज़े देश में ही तैयार की गई हैं, उनमें 23 हज़ार टन स्टील,  2500 किलोमीटर इलेक्ट्रिक केबल, 150 किलोमीटर के बराबर पाइप और 2 हज़ार वॉल्व शामिल हैं.


यह भी पढ़ें: INS Vikrant: भारतीय नेवी को मिला INS Vikrant युद्धपोत, जानें इसकी खास बातें


INS विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया: पीएम मोदी


इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, विक्रांत विशाल है, विराट है. ये 21वीं सदी के भारत की मेहनत और क़ाबलियत का सबूत है.पीएम ने इस बात पर ख़ुशी ज़ाहिर की कि भारत दुनिया के उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक के ज़रिए इतने एयरक्राफ्ट  तैयार करता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज INS Vikrant ने पूरे मुल्क को एक नए भरोसा दिया है. पीएम ने कहा विक्रांत के हर पार्ट की एक अलग ख़ासियत है खूबी है. ये स्वदेशी संसाधन के ज़रिए तैयार की गई एक बड़ी उपलब्धि है जिस पर पूरे मुल्क को गर्व है.


इस तरह की खबरों को पढ़ने के लिए Zeesalaam.in पर जाएं.