पटनाः राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा के बाद से ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्मीदवारी को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी. उनकी ही सरकार के कई मंत्रियों ने नीतीश की दावेदारी की वकालत की थी. हालांकि इसी बीच मुख्यमंत्री ने सोमवार को खुद साफ कर दिया कि इस ओहदे क न तो उनमें कोई चाहत है न ही हमलोगों की कोई दिलचस्पी है.
पटना में सहाफियों के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तो कोई बात ही नहीं शुरू हुई है. जब बातचीत, चर्चा होगी तभी सामने आएगा. अभी तो किसी चीज को लेकर बात नहीं हुई है कि कौन उम्मीदवार होगा. 

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अभी तो कोई चर्चा नहीं हुई है
नीतीश कुमार से जब पूछा गया कि आपके मंत्रिमंडल के मेंबर ही आपको उम्मीदवार बता रहे, तब उन्होंने कहा कि इसमें मेरी कोई तमन्ना नहीं है. कौन क्या बोलता रहता है ? कुछ महीने पहले भी बात हुई थी, तब भी मैंने मना कर दिया था. उन्होंने कहा कि कभी कोई चला देता कभी कोई छाप देता है. हमलोगों को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है.
नीतीश कुमार ने कहा कि अभी हम एनडीए में हैं, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अभी तो कोई चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि पिछले राष्ट्रपति चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि तब हम जिस गठबंधन में शामिल थे, उसकी लाइन से अलग जाकर दूसरे उम्मीदवार को वोट किया था. हमने तब उसे वोट दिया था जो हमें पसंद आया था. 


जब कार्रवाई हो गई तो हंगामे की क्या जरूरत ?
भारतीय जनता पार्टी की तर्जुमान रहीं नूपुर शर्मा के एक बयान को लेकर जारी विवाद के बीच नीतीश कुमार ने सोमवार को साफ लहजे में कहा कि अगर भाजपा ने एक्शन ले लिया, एफ आईआर भी दर्ज हो गई तो फिर हंगामे की जरूरत क्या? उन्होंने कहा कि मुझे तो हैरत होती है. उन्होंने कहा, कुछ लोग जानबूझकर आपस में झगड़ा कराना चाहते हैं. उल्लेखनीय है कि नूपुर शर्मा के एक विवादास्पद बयान को लेकर कई जगहों पर हिंसा हुई है.


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