Jaipur-Mumbai Train: 31 जुलाई को जयपुर- मुंबई एक्सप्रेस में हुई हत्याओं से पूरा देश स्तब्ध है. अब इस मामले में मरने वाले अब्दुल कादिर के बेटे का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि हम अब भारत में महफूज महसूस नहीं करते हैं. पुत्र हुसैन कहते हैं- "अगर मेरे पिता और दो अन्य यात्रियों जैसे निर्दोष लोगों को केवल उनकी शक्ल के आधार पर निशाना बनाया जा सकता है, तो हम अब भारत में सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं."


क्या है मामला?


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ज्ञात हो कि 31 जुलाई को ट्रेन हत्याकांड में 4 लोगों की मौत हुई थी. इस कृत को अंजाम देने वाले शख्स का नाम कांस्टेबल चेतन चौधरी है. जिसने अपने सीनियर असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर तीकाराम मीणा की पहले गोली मारकर हत्या की जिसके बाद उसने तीन और लोगों को गोली मारी जिसमें से एक अब्दुल कादिर थे. मरने वालों में तीन मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते थे, और गोली मारने के बाद आरोपी लगातार कह रहा था कि अगर भारत में रहना है तो मोदी योगी को वोट देना होगा.


क्या बोले अब्दुल कादिर के बेटे हुसैन?


अब्दुल कादिर की उम्र 36 साल है वह हादसे के दौरान मुहर्रम की वजह से अपने भाई और मां के साथ शारजाह में थे. लेकिन उनके पिता ने यूएई में तेज गर्मी होने के कारण राजस्थान रहने का ही फैसला किया था. हुसैन बताते हैं कि इस ट्रेन में उनके रिश्तेदार भी थे. लेकिन वह दूसरी बोगी में थे. जब उनके पिता को गोली मारी गई तो वह अपने सामान के साथ गेट के पास थे और उन्हें बोरीवली उतरना था.


पुलिस पर उठाए सवाल


हुसैन ने कहा कि उनकी हत्या के बाद पुलिस ने उनसे जो सवाल किए वह काफी चौंकाने वाले थे. उन्होंने कहा- “जीआरपी की पहली कॉल में मुझसे सवाल पूछा गया कि मेरे पिता दरवाजे पर क्यों थे. क्या उन्हें किसी से कोई परेशानी थी या उसका कोई दुश्मन था?” इस घटना के अगले दिन ही हुसैन और उनका परिवार शारजाह वापस आ गए और अपने पिता की आखिरी रसूमात अदा कीं.


पुलिस नहीं कर रही मदद


हुसैन ने कहा कि उन्हें इंसाफ चाहिए. उन्होंने बी5 में मौजूद पैसेंजर्स के नाम और नंबर्स मांगे हैं और साथ ही सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग भी मांगी है, लेकिन पुलिस कोई मदद नहीं कर रही है. वह लगातार डीसीपी से मिलने की कोशिश में लगे हैं. लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल पा रहा है.


अब भारत में नहीं रहूंगा


हुसैन ने बताया कि वह पहले भारत में रहने का प्लान कर रहे थे. लेकिन अब उनका इरादा बदल गया है और अब वह शारजाह में ही अपने परिवार के साथ सेटल होंगे. उन्होंने कहा- “पहले, मैं अगले दो से तीन वर्षों में भारत में बसने की योजना बना रहा था ताकि मैं अपने माता-पिता के करीब रह सकूं और मैंने अपने पिता की दुकान चलाने का फैसला किया था. लेकिन अब मैं अपनी मां को शारजाह ले जाऊंगा और वहीं बस जाऊंगा.”