DPAP Leaders Rejoin Congress: सोमवार का दिन कांग्रेस पार्टी के लिए कई शुभ समाचार लेकर आया. एक ओर जहां कांग्रेस लीडर राहुल गांधी की सांसदी को बहाल कर दिया गया, वहीं दूसरी ओरडेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के कई नेताओं की कांग्रेस में वापसी हो गई है. जम्मू-कश्मीर के 20 से अधिक नेता सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए, जिनमें से अधिकतर का संबंध गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली 'डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी' से है.  ये सभी लीडर दिल्ली में कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर पार्टी में शामिल हुए.


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मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में हुए शामिल
इस मौके पर मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वकार रसूल वानी और पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई की इंचार्ज रजनी पाटिल मौजूद रहीं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने डीपीएपी के कई नेताओं की कांग्रेस में वापसी के बाद गुलाम नबी आजाद पर निशाना साधा और इल्जाम लगाया कि आजाद का 'डीएनए' बदल गया है, जिसका नया सबूत उन्होंने आर्टिकल 370 से जुड़े अपने एक ताजा बयान के जरिये दिया है. रमेश ने ट्वीट किया, आज सुबह, डीएपी (डिसअपियरिंग आजाद पार्टी) के 21 नेता फिर से कांग्रेस में वापस आ गए, जिनमें गुलाम नबी आजाद की ओर से मेरे खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने वाला एक नेता भी शामिल है.



 DPAP-AAP को झटका
वहीं, दो बार पूर्व मंत्री और दो बार एमएलए रहे यशपाल कुंडल ने पैंथर्स पार्टी को अलविदा कहकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष (DPAP), फारूक अहमद (आप), तरणजीत सिंह टोनी, गजनफर अली, संतोष मजोत्रा ​​(DPAP), रजनी शर्मा (DPAP) निर्मल सिंह मेहता (DPAP),मदन लाल चलोत्रा ​​(अपनी पार्टी), हमित सिंह बट्टी (आप) और कई अन्य लीडर कांग्रेस में शामिल हो गए. इन नेताओं का कांग्रेस का हाथ थामना डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी और आम आदमी पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं है.


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