धर्म संसद मामला: जितेंद्र त्यागी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, मुसलमानों के खिलाफ दिया था भड़काउ भाषण
Jitendra Tyagi Got Bail: पिछले साल उत्तराखंड में आयोजित धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ विवादित बयान देने वाले जितेंद्र त्यागी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. जितेंद्र त्यागी का असली नाम वसीम रिजवी है.
Jitendra Tyagi Got Bail: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को धर्म संसद मामले में मुसलमानों के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोपी जितेंद्र त्यागी को जमानत दे दी है. जितेंद्र त्यागो को पहले वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था.
अदालत ने दी चेतावनी
जज अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्न की पीठ ने त्यागी को निर्देश दिया कि वे अब इस तरह की कथित गतिविधियों में शामिल न हों और निचली अदालत के समक्ष एक हलफनामा पेश करें कि वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या सोशल मीडिया को संबोधित नहीं करेंगे.
पिछली बार नहीं मिली थी जमानत
अगस्त के अंत में, शीर्ष अदालत ने त्यागी की अंतरिम जमानत को बढ़ाने से इनकार कर दिया था, जो चिकित्सा आधार पर दी गई थी, और उन्हें आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा कि त्यागी को तीन दिनों के भीतर निचली अदालत में पेश किया जाना चाहिए और अदालत की संतुष्टि के अनुसार उन्हें नियम और शर्तों पर जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.
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मीडिया में बयान नहीं देंगे त्यागी
17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में आयोजित हरिद्वार धर्म संसद में नफरत भरे भाषणों के सिलसिले में गिरफ्तार त्यागी को तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी। शीर्ष अदालत ने शर्त रखी कि त्यागी अभद्र भाषा में लिप्त नहीं होंगे और किसी भी मीडिया को बयान नहीं देंगे.
अभद्र भाषा में न हों शामिल
शीर्ष अदालत ने त्यागी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से कहा था कि वह अपने मुवक्किल को अभद्र भाषा में शामिल न होने के लिए कहें, क्योंकि समाज में सद्भाव बनाए रखना है. उत्तराखंड सरकार के वकील ने शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि त्यागी को केवल तभी जमानत पर रिहा किया जा सकता है जब वह अपने तरीके से सुधार करें और यह भी आश्वासन दिया कि वह अभद्र भाषा में लिप्त नहीं होंगे.
इसलिए गिरफ्तार हुए त्यागी
राज्य सरकार ने कहा कि अगर कोई अपने धर्म के बारे में बात करना चाहता है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन व्यक्ति को अन्य धर्मों के खिलाफ अभद्र भाषा में लिप्त नहीं होना चाहिए. इसी साल जनवरी में उत्तराखंड पुलिस ने उन्हें हरिद्वार में एक कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
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