नई दिल्ली: यूपी में लाउडस्पीकर से अजान को लेकर जारी विवाद के बीच कर्नाटक वक्फ बोर्ड का एक सर्कुलर भी विवाद का केंद्र बन गया है. खबरों के मुताबिक कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने अपने सर्कुलर में रात दस बजे से सुबह 6 बजे तक मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है. बोर्ड के फैसले को कांग्रेस के मुस्लिम एमएलए ने इसे सीधे अजान पर पाबंदी लगाने की कोशिश करार दिया है. 


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इस मामले में पूर्व राज्य मिनिस्टर यूटी खादर, एमएलए तनवीर सेठ और रिजवान अरशन समेत दिगर लीडरान का कहना है कि मौजूदा सरकार सीधे सीधे मजहबी मामलों में दखल अंदाजी कर रही है. जो देऱ के संविधान के साथ साथ यहां की रिवायत के भी खिलाफ है. इस मौके पर जहां साबिक वजीर समेत दिगर लीडरान ने वक्फ बोर्ड से इस सर्कुलर को वापस लेने की मांग की है.


इससे एक दिन पहले कर्नाटक में बजट सेशन के दौरान येदियुरप्पा हुकूमत पर अल्पसंख्यकों से जुड़े बिल लाने की तैयारी पर सवाल उठाया गया.  साबिक अकलियती वजीर जमीर अहमद ने बड़ा इल्जाम लगाया कि जो कानून पहले से ही है लेकिन बीजेपी सरकार इसमें कुछ बदलाव कर अकलियती इदारों को खत्म करना चाहती है. हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए जमीर ने कहा कि वक्फ प्रापर्टीज में सरकार दखल नहीं दे सकती लेकिन मौजूदा सरकार एडमिनिस्ट्रेटर के ज़रिये अकलियती एदारों पर कब्जा करना चाहती है.


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