Khap Panchayat: गुरुवार को मुजफ्फरनगर में हुई खाप महापंचायत ने जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी पहलवानों के लिए इंसाफ की मांग करने का फैसला किया है. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि पहलवानों के विरोध के मुद्दे पर अंतिम फैसला शुक्रवार को हरियाणा में होने वाली बैठक में लिया जाएगा.


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सौरम गांव में आयोजित महापंचायत ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को पूरा समर्थन दिया और डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की. इस बीच, किसान नेता मांगेराम त्यागी ने आरोप लगाया कि पहलवानों के विरोध को जातिवादी रंग दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'क्या किसी ने उनसे (विरोध करने वाले पहलवानों) से उनकी जाति के बारे में पूछा जब उन्होंने देश के लिए मेडल जीते.'


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BKU प्रमुख नरेश टिकैत, जिन्होंने मंगलवार को पहलवानों को अपने मेडल गंगा नदी में नहीं बहाने के लिए राजी किया था, ने साफ कर दिया कि वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो हम भारत के राष्ट्रपति के पास जाएंगे. हम पहलवानों के साथ हैं और उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. मैंने उनसे कहा कि वे अपने पदक गंगा में विसर्जित न करें, बल्कि उन्हें नीलामी के लिए रखें. पूरी दुनिया आएगी.'


पहलवान जनवरी से ही WFI प्रमुख सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन पर उन्होंने सात एथलीटों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. सिंह, जो एक भाजपा सांसद भी हैं, ने जोर देकर कहा है कि अगर उनके खिलाफ आरोप साबित होते हैं तो कोई भी सजा कबूल करेंगे. उन्होंने कहा, "अगर मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित होता है, तो मैं खुद को फांसी लगा लूंगा. अगर आपके (पहलवानों) पास कोई सबूत है, तो उसे अदालत में पेश करें और मैं कोई भी सजा कबूल करने के लिए तैयार हूं."


सरकार ने बुधवार को इस मामले पर अपनी पहली टिप्पणी में पहलवानों को किसी भी हड़बड़ी में कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी थी और उन्हें पुलिस जांच के निष्कर्ष तक इंतजार करने की सलाह दी थी.


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