कोलकाताः कोलकाता में दुर्गा पूजा में मां दुर्गा (Maa Durga) की मूर्ति के साथ ‘महिषासुर’ (Mahisasur) यानी राक्षस की मूर्ति की जगह पर महात्मा गांधी जैसी दिखने वाली प्रतिमा लगाने पर बवाल मच गया है. बताया जा रहा है कि जहां ये मूर्ति लगाई गई है, उस दुर्गा पूजा पंडाल (Durga Puja Pandal) का आयोजन अखिल भारतीय हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha) द्वारा किया गया था. इतवार की शाम को कुछ लोगों ने मूर्ति को देखने के बाद इसकी शिकायत अफसरों से की थी. इस मूर्ति को लेकर राजनीतिक दलों के साथ-साथ सिविल सोसाइटी के लोगों ने भी कड़ा ऐतराज जताया है. लोगों ने मांग की है कि तत्काल पूजा आयोजक को महात्मा गांधी को असुर के रूप में दिखाने वाली (Gandhi portait as Asur) मूर्ति को हठाया जाए और इस बात के लिए मांफी मांगी जाए. 
गौरतलब है कि पौराणिक कथाओं के मुताबिक, मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, जो एक राक्षस था. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सच बोलना हर हिंदू का कर्तव्य
इस मामले में जब पुलिस ने आयोजकों से संपर्क किया तो पहले उन्होंने इसमें बदलाव करने से इंकार कर दिया. पूजा आयोजकों में से एक सुंदरगिरि महाराज, जो खुद को अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष होने का दावा करते हैं, उन्होंने कहा कि ऐसा करके कोई गलती नहीं हुई है, क्योंकि सार्वजनिक रूप से सच बोलने का वक्त अब आ गया है. अब सच बोलना हर हिंदू का कर्तव्य है.’’ एक अन्य पूजा आयोजक चंद्रचूर गोस्वामी ने कहा, हमें धमकी भरे फोन आ रहे थे. पुलिस प्रशासन ने हमें पूजा बंद करने की धमकी दी. आखिर में, हमें तनाव से बचने के लिए कुछ बदलाव लाने पड़े हैं.
पूजा समिति के एक दूसरे आयोजक गोस्वामी ने कहा, ’’समानताएं होना सिर्फ एक संयोग था. पूजा आयोजकों की मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी. पुलिस ने हमें इसे बदलने के लिए कहा, और हमने इसे मान लिया है. हमने महिषासुर की मूर्ति पर मूंछें और बाल लगा दिए है.’’ 

हर दिन गांधीवादी विचारधारा का वध करने का प्रयास
इस बीच, राज्य में कांग्रेस और माकपा नेतृत्व ने इस मामले में इतनी देर से कार्रवाई करने के लिए राज्य प्रशासन की आलोचना की है. माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि महात्मा गांधी एक हिंदुत्व कट्टरपंथी द्वारा मारे गए थे. हर दिन गांधीवादी विचारधारा का वध करने का प्रयास किया जा रहा है. यह लोगों की भावनाओं को आहत करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है. तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी जैसे राजनीतिक दलों ने भी गांधी के ‘महिषासुर’ के रूप में कथित चित्रण की आलोचना की है. रपोर्ट दर्ज होने तक पूजा आयोजकों के खिलाफ किसी भी प्रशासनिक कार्रवाई की कोई रिपोर्ट नहीं है.



ऐसी ही दिलचस्प खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in