Lachit Borphukan Birth Anniversary: असम के गुवाहाटी में 25 नवंबर को लचित बोरफुकान की 400वीं जयंती मनाई गई. इस खास दिन को लचित दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस खास मौके पर लोगों ने इकट्ठा होकर वीर लचित बोरफुकान को याद किया और देश भक्ति से जुड़े गीत गाए.


लचित बोरफुकान की वेशभूषा में पहुंचे शिक्षक


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दक्षित गांव हाई स्कूल में आज लचित दिवस का कार्यक्रम रखा गया था. इस कार्यक्रम में स्कूल के शिक्षक लचित बोरफुकान की वेशभूषा में पहुंचे. स्कूल बच्चों में भी खासा उत्साह देखा गया. सभी शिक्षकों और बच्चों ने मिलकर असमी भाषा में देश प्रेम के गीत भी गाए. टीचर अली हुसैन ने बताया की. हमारे बच्चों में देश प्रेम की भावना बढ़े ये ही हमारी कोशिश है.. इसलिए आज हम वीर लचित बोरफुकान बनकर आए हैं.


बाघ हजारिका को भी किया गया याद


कार्यक्रम में लचित बोरफुकान के सैनिक बाघ हजारिका को भी याद किया गया. बाघ हजारिका एक मुस्लिम सैनिक थे. उनका नाम इस्माइल सिद्दिकी था. हजारिका ने मुगलों की तोपों में पानी भरकर उन्हें नाकों चने चबवा दिए थे. वह लचित बोरफुकान के एक बहादुर सेनापति थे. वीर लचित ने कई बार मुगलों से लड़ाई करी और उन्हें हराया. लचित बोरफुकान ने कभी मुगलों को गुवाहाटी में घुसने नहीं दिया.


पीएम मोदी ने दी बधाई


पीएम मोदी नरेंद्र मोदी ने इस खास मौके पर असम वासियों को बधाई दी है. उन्होंने लिखा है- लचित दिवस की बधाई. यह लचित दिवस इसलिए खास है क्योंकि हम महान लचित बोरफुकन की 400वीं जयंती मना रहे हैं. वे अतुलनीय साहस के प्रतीक थे. उन्होंने लोगों के कल्याण को हर चीज से ऊपर रखा और वह एक न्यायप्रिय और दूरदर्शी नेता थे.