नई दिल्लीः  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में बुधवार को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि कर्ज के लक्ष्य को 11 प्रतिशत बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए करने का ऐलान किया है. चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कृषि कर्ज लक्ष्य 18 लाख करोड़ रुपए है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा है कि सरकार 2,200 करोड़ रुपए के खर्च के साथ उच्च मूल्य वाली बागवानी फसलों के लिए रोग मुक्त, गुणवत्ता रोपण सामग्री की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए ’आत्मनिर्भर स्वच्छ पौधा कार्यक्रम’ शुरू करने जा रही है. 

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कृषि कर्ज लक्ष्य को बढ़ाकर किया 20 लाख करोड़  
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा स्कीम की एक नई उप-योजना 6,000 करोड़ रुपए के लक्षित निवेश के साथ शुरू की जाएगी, ताकि मछुआरों, मछली विक्रेताओं और सूक्ष्म और लघु उद्यमों को और प्रभावी बनाया जा सके. इसके साथ ही मूल्य श्रृंखला क्षमता में सुधार और बाजार का विस्तार किया जा सके. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि कर्ज लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए किया जाएगा.’’ सरकार हर साल कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज का लक्ष्य बढ़ा रही है.

गारंटी-मुक्त कृषि कर्ज की सीमा बढ़ी 
आमतौर पर, कृषि कर्ज पर नौ प्रतिशत की ब्याज दर लगती है. हालांकि, सरकार सस्ती दर पर अल्पकालीन फसल कर्ज उपलब्ध कराने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए ब्याज सहायता प्रदान करती है. किसानों को सात फीसदी सालाना की प्रभावी दर पर तीन लाख रुपए तक का अल्पावधि कृषि कर्ज सुनिश्चित करने के लिए सरकार दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी किसानों को मुहैया करा रही है. वहीं, औपचारिक ऋण प्रणाली में छोटे और सीमांत किसानों के दायरे को बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने गारंटी-मुक्त कृषि कर्ज की सीमा को एक लाख रुपए से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये करने का फैसला किया है.


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