बिहार की इन 2 लोकसभा सीटों पर मुकाबला हुआ दिलचस्प, AIMIM ने `इंडिया` ब्लॉक का बिगाड़ा खेल !
Bihar Lok Sabha Elections 2024: बिहार में 7वें व आखिरी चरण में आठ लोकसभा सीटों पर 1 जून को मतदान होगा. इन आठ सीटों में से दो पर एआईएमआईएम ने उम्मीदवार उतारकर मुकाबला काफी दिलचस्प बना दिया है.
Bihar Lok Sabha Elections 2024: बिहार में 7वें व आखिरी चरण में आठ लोकसभा सीटों पर 1 जून को मतदान होगा. इन आठ सीटों पर मुख्य मुकाबला एनडीए और 'इंडिया' गठबधन के बीच है. लेकिन इन सीटों में से दो पर एआईएमआईएम ने उम्मीदवार उतारकर मुकाबला काफी दिलचस्प बना दिया है.
हम बात कर रहे हैं काराकाट और पाटलिपुत्र लोकसभा सीट की. इन दोनों सीटों पर AIMIM ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिससे मुकाबला इंडिया ब्लॉक, एनडीए और AIMIM के बीच त्रिकोणीय होता हुआ दिख रहा है. AIMIM ने काराकाट से प्रियंका चौधरी को मैदान में उतारा है, जबकि फारूक रजा को पाटलिपुत्र संसदीय सीट से टिकट दिया है.
इन सीटों को लेकर राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा की AIMIM ने सिर्फ वोट काटने के लिए टिकट दिया है. उन्होंने कहा,"ओवैसी जानते हैं कि उनके उम्मीदवार दोनों सीटों पर नहीं जीतेंगे. फिर भी, उन्होंने सिर्फ इंडिया ब्लॉक के वोट काटने के लिए टिकट दिया है."
उन्होंने आगे कहा कि प्रियंका चौधरी अत्यंत पिछड़ी जाति (EBC) परिवार से आती हैं. "हर कोई जानता है कि वह कौन से वोट काटेगी. ईबीसी इंडिया ब्लॉक के मुख्य मतदाता हैं.
पाटलिपुत्र में मुकाबला काफी दिलचस्प
पाटलिपुत्र सीट से AIMIM ने फारूक रजा को मैदान में उतारा है. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी के रामकृपाल यादव और राजद की मीसा भारती के बीच है. चूंकि बिहार में मुस्लिम राजद का कोर वोट बैंक है, इसलिए AIMIM उम्मीदवारों की मौजूदगी से मीसा भारती को निश्चित रूप से नुकसान होता हुआ दिख रहा है. वहीं, वोटिंग से पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने फुलवारीशरीफ में मुस्लिम धर्मगुरुओं से भी मुलाकात की.
काराकाट में ये हैं डिसाइडर
काराकाट लोकसभा सीट पर लगभग 3.4 लाख मतदाता हैं. यादव 2.7 लाख, मुस्लिम-कोइरी-कुर्मी मिलाकर 2.3 लाख, राजपूत 2.1 लाख, निषाद 1.85 लाख, 90 हजार ब्राह्मण और 75 हजार भूमिहार हैं.
AIMIM की प्रियंका चौधरी अति पिछड़ी जाति से आने वाली महिला जिला पार्षद हैं. 2021 में प्रियंका और उनकी सास ने पंचात चुनाव में जीत दर्ज की. प्रियंका ने जिला परिषद और उनकी सास रामदुलारी देवी ने मुखिया पद पर जीत हासिल की. प्रियंका नासरीगंज पश्चिमी की जिला पार्षद हैं और निषाद समुदाय से आती हैं.
वहीं, राजद के पूर्व महासचिव फारूक रजा AIMIM के टिकट पर चुनावी अखाड़े में हैं. फारूक पटना के मुस्लिम बहुल फुलवारी शरीफ इलाके में रहते हैं. वह पेशे से एक इंजीनियर हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव में मीसा भारती के लिए काम कर चुके हैं.
बता दें कि पटना की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर 18 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. जिसमें यादव,भूमिहार, मुस्लिम, कोइरी, कुर्मी और महादलित समेत अति पिछड़ों की अच्छी खासी आबादी है. पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें हैं, जिनमें मनेर, दानापुर, मसौढ़ी, बिक्रम, पालीगंज और फुलवारी शरीफ शामिल हैं. फुलवारी में मुस्लिम वोटरों की तादा काफी है, जो लोकसभा चुनाव के जीत और हार में डिसाइडर माने जाते हैं.
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष व विधानसभा सदस्य अख्तरुल ईमान ने कहा, "दोनों लोकसभा सीटों पर हमारी मजबूत दावेदारी है. हम बेहतर परिणाम देंगे. हमारे उम्मीदवार शिक्षित हैं और उनकी छवि साफ-सुथरी है.