पेरिसः फ्रांस में इतवार को हुए चुनाव में बहुत से मतदाताओं ने दक्षिणपंथी और वामपंथी उम्मीदवारों की हिमायत में मतदान किया और नेशनल असेंबली में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के उदारवादी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया. मैक्रों के नेतृत्व वाले गठबंधन ‘टुगेदर’ को सबसे ज्यादा 245 सीटें मिली लेकिन यह स्पष्ट बहुमत से 44 सीट पीछे रह गया. 

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ली पेन की पार्टी को बढ़त
दक्षिणपंथी ली पेन की पार्टी नेशनल रैली को 577 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 89 सीटें मिलीं जो कि पहले आठ थीं. ज्यां लुक मेलेन्कों के नेतृत्व वाले वामपंथी गठबंधन ‘न्यूप्स’ को 131 सीटों पर जीत हासिल हुई और यह अब मुख्य विपक्षी दल बन गया है. फ्रांस में चुनाव के अप्रत्याशित नतीजे आए हैं और ली पेन की नेशनल रैली और मेलेन्कों के गठबंधन का अच्छा प्रदर्शन मैक्रों की नीतियों के क्रियान्वयन की राह में रोड़ा अटकाने का काम करेगा जो टैक्स में कटौती और रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ाकर 65 करना चाहते हैं. 

मुस्लिमों की धुर विरोधी मानी जाती हैं ली पेन 
उत्तरी फ्रांस के हेनिन ब्यूमोंट में ली पेन ने सोमवार को कहा, “मैक्रों की सरकार अब अल्पमत में है. सेवानिवृत्ति में सुधार की उनकी योजना अब पूरी नहीं हो पाएगी. उन्होंने पत्रकारों से कहा, “यह एक ऐतिहासिक जीत और बड़ा बदलाव है. हम संसद में मजबूत स्थिति में हैं और हर उस पद पर दावा करेंगे जो हमारा है. फ्रांस में ली की पार्टी को बढ़त मिलने से वहां के मुस्लिम अल्पसंख्यकों को परेशानी हो सकती है, क्योंकि ली मुस्लिमों की धुर विरोधी मानी जाती हैं. 


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