Manipur Violence: RJD से राज्यसभा MP डॅाक्टर मनोज झा ने मणिपुर हिंसा में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने कहा, "मैं दो महीने से अधिक समय से चल रही जातीय हिंसा पर चर्चा के लिए राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 267 के तहत सदन के कामकाज को स्थगित करने का प्रस्ताव लाना चाहूंगा." 


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सांसद मनोज झा इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अब तक 140 लोग मारे गए हैं, हिंसा में कई हजार लोग घायल हुए हैं और 60,000 लोग इस हिंसा में विस्थापित हुए हैं.  हिंसा में कई घर, धार्मिक स्थल, चर्च और गांव जला दिए गए हैं. राजद नेता ने कहा, "हिंसा आज भी बदस्तूर जारी है और निर्दोष आदिवासी गांवों पर हमले की घटनाएं आज तक नहीं रुकी हैं." झा मांग करते हुए आगे कहा, "इसी परिप्रेक्ष्य में मैं नियम-267 के तहत आपके समक्ष अपना अनुरोध रखता हूं कि हमें विषय-पंक्ति में उल्लिखित मामले पर चर्चा करने की अनुमति दी जाए."


सीएम को हटाने की मांग
विपक्षी दलों ने कहा है कि वे संसद के मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाएंगे. विपक्ष पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना कर रहा है और स्थिति को नियंत्रित करने में बुरी तरह विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री को तत्काल हटाने की मांग की है.


मणिपुर में 3 मई से हो रही जातीय हिंसा
आपको बता दें कि मणिपुर में जातीय हिंसा 3 मई को भड़की थी और तब से अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. और हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है.


ITLF ने की ये मांग
हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें भीड़ द्वारा दो युवतियों को सड़क पर नग्न अवस्था में घूमा रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर व्यापक निंदा हुई और सख्त कार्रवाई की मांग की गई.  वहीं इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने दावा किया कि 4 मई को दोनों महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया. ITLF ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.