UP News: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के नेशनल प्रसिडेंट मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जो मस्जिद, मंदिर तोड़कर बनाई जाए, वह हमें कबूल नहीं है. मदनी गुरुवार (7 दिसंबर ) को जमीयत की पूर्वी उत्तर प्रदेश की 37 जिला इकाइयों के सभा को खिताब करने लखनऊ पहुंचे थे.


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 मदनी ने इस दौरान कहा,  "जो मस्जिद, मंदिर तोड़कर बनाई जाए, इस्लाम में वह मस्जिद स्वीकार नहीं है. जहां तक अयोध्या की बात है तो सर्वोच्च न्यायालय ने यह नहीं माना है कि राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनी थी".


उन्‍होंने कहा, "जो इल्जाम बाबर पर लगे थे कि उसने राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बना ली, आज वही इल्जाम मौजूदा लोगों पर लग गए हैं कि उन्होंने मस्जिद तोड़कर राम मंदिर बना लिया. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बाबर तो इस इल्जाम से बरी हो गया".


हिन्दुस्तान में पैसे की नहीं है कमी; मदनी
वहीं, मदरसों की जांच पर अरशद मदनी ने कहा कि जो मदरसे सरकारी पैसा खा रहे हैं, उनकी जांच हो रही है. अगर कहीं से भी दूसरे मुल्कों से फंडिंग हो रही है, तो इसका सबूत दिया जाना चाहिए. हमारे हिंदुस्तान में रकम की कोई कमी नहीं है और सारी फंडिंग यहीं से हो रही है.


देश में सभी मुहब्बतों का पैगाम दें; मदनी
जबकि, हलाल प्रोडक्ट पर मदनी ने कहा,  "यूपी में एक भी हलाल सर्टिफाइड मरकज नहीं है. अगर कहीं पर है तो हमें बताएं. हम सियासी पार्टियों को भी पैगाम (संदेश) देना चाहते हैं. चाहे वे सत्ता में हो या नहीं कि वे प्यार-मोहब्बत और भाईचारे का ही प्रचार करें, नफरत और दूरी का नहीं. मुल्क की भलाई इसी में है".


'लव जिहाद' शब्द गढ़ा हुआ; मदनी
उन्होंने मुसलमानों को मुल्क की मौजूदा सूरत-ए-हाल में संयम से काम लेने की हिदायत दी. 'लव जिहाद' का जिक्र करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि उन्होंने 80 साल तक यह लफ्ज नहीं सुना था और दावा किया कि यह उन्हीं लोगों का ईजाद (गढ़ा) किया हुआ लफ्ज है, जो खुद मुल्क के अंदर नफरत पैदा करना चाहते हैं.


हम मुसलमानों से कहते हैं कि अपनी बच्चियों के लिए ज्यादा से ज्यादा तादाद में अलग स्कूल खोलें, ताकि मुसलमानों पर 'लव जिहाद' का इल्जाम लगाकर इसकी आड़ में उनकी बेटियों के साथ गलत करने की कोशिश करने वाले लोगों को रोका जा सके.