कश्मीर में प्रवासी पंडित कर्मचारी नहीं भेजे जाएंगे घाटी से बाहर; सरकार ने किया साफ
सरकार ने ये भी कहा है कि आतंकवादी घटनाओं को लेकर अमरनाथ यात्रा में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगी और यह यात्रा तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी.
नई दिल्लीः टरगेट किलिंग के बाद कश्मीरी पंडित कर्मियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की बढ़ती मांग के बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को साफ कर दिया है कि कर्मियों को घाटी से बाहर नहीं भेजा जाएगा बल्कि उनका सुरक्षित स्थानों पर ट्रांस्फर किया जाएगा. अधिकारी ने यह भी कहा कि आतंकवादियों द्वारा लक्षित हिंसा में हाल में वृद्धि से वार्षिक अमरनाथ यात्रा की योजना में कोई तब्दीली नहीं होगी और यह तयशुदा वक्त यानी 30 जून से 11 अगस्त तक चलेगी. प्रशासन का यह बयान आतंकवादी घटनाओं में इजाफे बाद आया है.
पंडितों को बनाया गया है निशाना
उल्लेखनीय है कि इन घटनाओं में चुनिंदा ढंग से नागरिकों की हत्या की गई है. आतंकियों द्वारा जिन लोगों की चुनकर हत्या की गई उनमें राहुल भट भी शामिल थे. भट कश्मीरी पंडित प्रवासी थे जिन्हें प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नौकरी मिली थी. मध्य कश्मीर में बडगाम के चदूरा में 12 मई को भट को उनके कार्यालय में आतंकवादियों ने मार डाला था. उनकी नृशंस हत्या के बाद विभिन्न स्थानों पर 6000 कर्मियों ने प्रदर्शन किया और घाटी के बाहर महफूज स्थानों पर भेजने की मांग की थी. अधिकारियों ने शुक्रवार को दलील दी कि कश्मीरी पंडित कर्मियों को घाटी के बाहर भेजने की मांग पर राजी होकर जम्मू कश्मीर प्रशासन सीमा पार से लिखी गयी ‘जातीय सफाये’ की किसी पटकथा का हिस्सा नहीं बन सकता.
अमरनाथ यात्रा नहीं होगी रद्द
अफसरों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादी संगठनों द्वारा निर्दोष- निरीह लोगों की हत्या से वार्षिक अमरनाथ यात्रा कराने से प्रशासन को डिगा नहीं सकते. उन्होंने कहा कि दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस वार्षिक तीर्थाटन के लिए अपना पंजीकरण करवा भी चुके हैं. उन्होंने कहा कि ‘आतंकवाद फैला रहे देशों’ की शह पर काम कर रहे आतंकवादी संगठन घाटी में सामान्य स्थिति के लौटने से चिंतिंत हैं, इसलिए वे लोगों में डर पैदा करने और अराजकता फैलाने के लिए निर्दोष निरीह लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं.
एक ‘निजाम’ स्थापित करने के लिए किये जा रहे हैं हमले
अफसरों ने कहा कि सुरक्षाबल इन चुनिंदा हत्याओं पर उसी तरह रोक लगाएंगे जिस तरह अक्टूबर 2021 में किया था, तब भी आतंकवादियों ने एक मशहूर केमिस्ट एम एल बिंद्रू और एक सिख अध्यापक की हत्या समेत चुनिंदा ढंग से हमले बढ़ा दिये थे. उन्होंने कहा कि चुनिंदा ढंग से की जा रही इन हत्याओं के पीछे एक नापाक मंशा है और ये हमले घाटी में हिंदुओं एवं मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए नहीं बल्कि एक ‘निजाम’ स्थापित करने के लिए किये जा रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि उसके लिए वे किसी की भी जान ले सकते हैं जो उनकी बात नहीं मानते , इसलिए इन संगठनों ने मुसलमानों की भी हत्या की है.
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