नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी के मुरादाबाद में बिना अनुमति घर में लोगों को जुटाने और नमाज अदा करने के लिए सामूहिक सभा आोयजित करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के मामले को जोरो शोर से उठाया है. ओवैसी ने ट्वीटर के जरिए पीएम मोदी से पूछा है क्या भारत में मुसलमान अब घरों में भी नमाज़ नहीं पढ़ सकते? क्या अब नमाज़ पढ़ने के लिए भी हुकूमत/पुलिस से इजाज़त लेनी होगी? 
@narendramodi को इसका जवाब देना चाहिए, कब तक मुल्क में मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के शहरी का सुलूक किया जाएगा.


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वहीं उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि समाज में कट्टरपंथी इस हद्द तक फैल गयी है के अब दूसरों के घरों में नमाज़ पढ़ने से भी लोगों के 'जज़्बात' को ठेस पहुंच जाती है.



दरअसल, मुरादाबाद पुलिस ने स्थानीय अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना एक घर में नमाज अदा करने पर सामूहिक सभा आयोजित करने के लिए 26 लोगों को बुक किया है. मुरादाबाद के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) संदीप कुमार मीणा ने कहा हैं कि छजलेट क्षेत्र के दुल्हेपुर गांव में दो स्थानीय ग्रामीणों के घर में बिना किसी सूचना के सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गए और वहां नमाज अदा की. 


संदीप कुमार मीणा के मुताबिक, स्थानीय चंद्र पाल सिंह की शिकायत पर 16 लोगों की पहचान की गई और 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी 505-2 (धार्मिक पूजा के प्रदर्शन में लगे एक सभा में सार्वजनिक शरारत के लिए बयान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.\


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गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर दूल्हेपुर गांव में कथित तौर पर बड़ी संख्या में लोगों के घर के अंदर नमाद अदा करने की तस्वीरें वायरल हुई थीं, जिसके बाद कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 26 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.


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