Twin Tower Demolition: अब कैसा नजर आ रहा है ट्विन टावर का मलबा, सामने आईं तस्वीरें
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Twin Tower Demolition: अब कैसा नजर आ रहा है ट्विन टावर का मलबा, सामने आईं तस्वीरें

Twin Tower Demolition: पिछले रोज ही नोएडा के सेक्टर 93ए में में गैर-कानूनी तौर पर बनाए गए ट्विन टावरों को गिराया गया था, अब मलबे की तस्वीरें सामने आई हैं.

Twin Tower Demolition: अब कैसा नजर आ रहा है ट्विन टावर का मलबा, सामने आईं तस्वीरें

नई दिल्ली: नोएडा के सेक्टर 93ए में गैर-कानूनी तौर पर बनाए गए सुपरटेक के ट्विन टावरों को रविवार दोपहर गिरा दिया गया. इस पहले सुरक्षा के लिहाज से आसपास के इलाके को पूरे तौर पर खाली करा लिया गया था. ट्विन टावरों को गिराए जाने के दौरान इस बात को यकीनी बनाया गया था कि सड़कें पूरी तरह से बंद रहें. वहीं 400 से ज्यादा पुलिसकर्मिमों को बिल्डिंग के आसपास इलाकों में तैनात कर दिया गया था. 

अपने-अपने घरों में वापस आ चुके हैं करीबी इलाके में रहने वाले लोग

अब जबकि ट्विन टावरों को गिरा दिया गया है, उनके गिराए जाने के बाद हजारों टन के मलबे को भी हटाया जाएगा. एक अंदाजे के बाद दो टावरों को गिराए जाने के बाद करीब 80 हजार टन का मलबा जमा हो गया है, जिसे हटाया जाना है. ट्विन टावरों को गिराए जाने के बाद वहां के हालात कैसे हैं, इसकी तस्वीरें सामने आ गई हैं. वहीं ट्विन टावरों के करीब रहने वाले करीब 100 परिवार देर रात अपने-अपने घरों में वापस आ गए हैं. 

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9 सेकंड में ध्वस्त हुआ ट्विन टावर

गौरतलब है कि नोएडा सेक्टर 93ए स्थित ट्विन टावर ध्वस्त हो चुका है. महज 9 सेकेंड में इमारत जमींदोज हो गई. ट्विन टावर के ध्वस्त होने के बाद उठने वाले धूल के गुबार और प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए ट्विन टावर के चारों तरफ जगह-जगह स्मॉग गन लगाई गई थी. जैसे ही ट्विन टावर गिरा स्मोक गन चलाना शुरू कर दिया गया. इसके अलावा पानी का छिड़काव किया गया जिससे धूल का गुबार नीचे बैठ जाए.

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वाटरफॉल इम्प्लोजन की तकनीक से गिराया गया ट्विन टावर

दिल्ली के प्रतिष्ठित कुतुब मीनार से ऊंचे ट्विन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया. ट्विन टावर भारत में अब तक ध्वस्त की गई सबसे ऊंची बिल्डिंग रही. दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के भीतर 2009 से ‘एपेक्स’ (32 मंजिल) और ‘सियान’ (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे. इमारत गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया.

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