लॉस एंजिलिस: पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा की हवालगी के मामले में अमेरिका की एक अदालत ने कुछ और क़ाग़ज़ात मांगे हैं और कहा है कि तब तक तहव्वुर राणा अमेरिका की हिरासत में ही रहेगा.


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गुरुवार को लॉस एंजिलिस (अमेरिका) की एक अदालत में हव्वुर राणा की हवालगी के मामले की सुनवाई हुई जिसमें मजिस्ट्रेट जैकलिन चूलजियान ने बचाव पक्ष के वकील और प्रोसिक्यूटर से 15 जुलाई तक इस मामले से मुतअल्लिक कुछ और दस्तावेज़ जमा कराने को कहा. साथ ही अपने हुक्म में मजिस्ट्रेट ने लिखा कि तहव्वुर राणा आखिरी फैसला आने तक अमेरिकी हिरासत में ही रहेंगे.


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राणा के वकील ने अदालत को बताया कि कि उसके मुव्वकील को हेडली की तरफ से आतंकवादी साजिश रचने की कोई जानकारी नहीं थी और वह मुंबई में तिजारत के लिए एक दफ्तर कायम करने में अपने दोस्त की मदद कर रहा था. उन्होंने कहा कि हेडली कई मौकों पर अमेरिकी सरकार से झूठ बोलता रहा है और उसकी गवाही को कबीले ऐतबार नहीं माना जाना चाहिए. हेडली ने अपने आतंकवादी मकसदों को पूरा करने के लिए राणा का इस्तेमाल किया, जिसकी राणा को कोई जानकारी नहीं दी.


क्या है मामला
गौरतलब है कि तहव्वुर राणा मुंबई आतंकवादी हमले में कथित भूमिका के चलते भारत को मतलूब है और भारत ने अमेरिका से उसकी हवालगी की गुज़ारिश की है.  राणा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का बचपन का दोस्त है. भारत की गुज़ारिश पर ही राणा को मुंबई आतंकवादी हमले में मुलव्विस होने के इलज़ाम में लॉस एंजिलिस में 10 जून, 2020 को फिर से गिरफ्तार किया गया था. 


मुंबई हमले में छह अमेरिकी शहरियों समेत 166 लोग मारे गए थे और 200 से ज्यादा लोग ज़ख्मी हुए थे. भारत सरकार का दावा है कि तहव्वुर राणा लश्करे-तैय्यबा के चरमपंथी डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त हैं और उसने मुंबई आतंकवादी हमले को अंजाम देने में अहम किर्दार अदा किया है.


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अमेरिका का क्या कहना है
इस मामले में अमेरिका का कहना है कि 59 वर्षीय राणा की भारत हवालगी भारत और अमेरिका के बीच हुए हवालगी के मुआहदे की ख़िलाफ़वर्ज़ी नहीं है. भारत-अमेरिका हवालगी मुआहदे के मुताबिक़, भारत सरकार ने राणा के ऑफिशियल हवालगी की गुज़ारिश की है और अमेरिकी हुकूमत ने हवालगी का अमल शुरू कर दिया है. अमेरिका की हुकूमत अदालत ने दलील दी है कि भारत राणा की हवालगी के लिए तमाम पैरामीटर को पूरा करता है.
(इनपुट- भाषा के साथ भी)


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