लखनऊ: ज्ञानवापी मस्जिद समेत देश भर की इबादतगाहो की हिफाजत के लिए कानूनी क़दम मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया उठाएगा. इसके साथ ही इबादतगाह बचाओ बेदारी तहरीक भी देशभर में चलाने का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने बड़ा ऐलान किया है. 


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सौहार्द को बिगाड़ने की हो रही साजिश-MPLB1
मुसलमानों के नए संगठन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने लखनऊ में देश के मौजूदा हालात के चलते एक अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए है. खास तौर से ज्ञानवापी के विवाद को देखते हुए बोर्ड का कहना है कि देशभर में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश की जा रही है जिसको बोर्ड रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठाएगा. बैठक में जानकारी देते हुए बताया गया कि 2 जून से इबादतगाह बचाओ तहरीक शुरू की जाएगी जिसका मकसद कौम को जागरूक करने के साथ धार्मिक सौहार्द बनाए रखना है.


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सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट खटायेगा बोर्ड
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद यूसुफ अज़ीज़ी की अध्यक्षता में होने वाली इस अहम मीटिंग में बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव डॉ मोईन अहमद ने बैठक को ख़िताब करते हुए कहा कि हम हर हाल में सौहार्द को बनाए रखते हुए संविधान की सीमा में अपनी इबादतगाहो की हिफाजत के लिए कानून का सहारा लेंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्लेसेज़ ऑफ़ वरशिप एक्ट और ज्ञानवापी सहित दूसरे मस्जिदों पर किए जा रहे मुकदमों पर बोर्ड काफी संजीदा है. उन्होंने कहा कि निचली अदालतों से एक के बाद एक आए नए आदेश से मुस्लिम समुदाय बेचैन है. डॉक्टर मोईन ने कहा कि मस्जिद और दरगाह वाले स्थलों की प्रकृति व चरित्र पर खतरा मंडरा रहा है. जिसे स्वीकार करने की स्थिति में हम बिल्कुल नहीं है. काशी मथुरा सहित देश भर की लगभग 50 हज़ार मस्जिदों को जिस तरह निशाना बनाने की बात की जा रही है उससे संविधान व कानून के सामने भी बड़ी चुनौती उत्पन्न हुई है. इस दौरान मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ मोइन अहमद ने कहा कि हमारा बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर भी सभी इबादतगाहों की हिफाजत के साथ उनके चरित्र व प्रकृति को बदलने व किसी की तरह की छेड़छाड़ से रोकने की अपील करेगा.


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मुल्क की गंगा जमुनी तहज़ीब ख़त्म नही होने देंगे-बोर्ड
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ मुईन अहमद ने कहा कि हिंदुस्तान सभी धर्मों से मिलकर फूलों का वह गुलदस्ता है जिसकी गंगा जमुनी तहजीब पूरी दुनिया में मशहूर है. लेकिन देश में धर्म के नाम पर ओछी राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मथुरा काशी के बाद यह सिलसिला कहां जाकर रुकेगा कोई नहीं जानता इसलिए यह जरूरी है कि इस विषय पर प्रधानमंत्री एकजुटता व सौहार्द के साथ संविधान संरक्षण का भरोसा दिलाएं. इस दौरान उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार तोड़ कर जांच की मांग संविधान विरोधी ही नहीं बल्कि मस्जिद को शहीद कर देने की एक बड़ी साजिश है जिसे अदालत को खारिज करना चाहिए. गौरतलब है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की तर्ज पर हिंदुस्तान में मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ऑफ इंडिया मुसलमानों का एक बड़ा संगठन है,जिसका दावा है कि देशभर के तक़रीबन 16 राज्यों में उनसे बड़ी तादाद में मुसलमान व हर फ़िरक़े से जुड़े मुस्लिम धर्मगुरु जुड़े हुए हैं. जिसके लिए संगठन काम करता रहा है और मुल्क में आपसी भाईचारा बनाने के लिए मुसलमानों का यह नया संगठन हर मुमकिन कोशिश करता रहा है.


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