असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों के मुद्दों को लेकर काफी मुखर रहते हैं. देश की कई मुस्लिम रहनुमा ओवैसी का समर्थन करते हैं. लेकिन हाल ही में उनका एक ट्वीट कुछ मुस्लिम रहनुमाओं को अच्छा नहीं लगा. इसपर लोगों ने प्रतिक्रिया दी है.
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नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन अवैसी का विवादों से पुराना रिश्ता है. वह देश के कई मामलों पर अपनी राय रखते हैं. वह खासकर अल्पसंख्यक के मामलों पर बोलते हैं. उनके विपक्षी उनसे इसलिए नाराज रहते हैं कि वह तीखा बोलते हैं. असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों के मुद्दों को लेकर काफी मुखर रहते हैं. देश की कई मुस्लिम रहनुमा ओवैसी का समर्थन करते हैं. लेकिन हाल ही में उनका एक ट्वीट कुछ मुस्लिम रहनुमाओं को अच्छा नहीं लगा. इसपर लोगों ने प्रतिक्रिया दी है.
हाल ही में असदुद्दीन ओवैसी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर एक पोस्ट की जिस पर कई मुस्लिम रहनुमाओं ने उनसे नाराजगी जताई है. असदुद्दीन ने अपनी पोस्ट में लिखा कि "मुगलों से भारत के मुसलमानों का कोई रिश्ता नहीं, लेकिन ये बताओ कि मुगल बादशाहों की बीवियां कौन थीं?" इस पर मुस्लिम रहनुमा नाराज हुए हैं.
इस पर दारुल उलूम फिरंगी महली के प्रवक्त मौलाना सुफियान निजामी ने बयान दिया है कि "इस तरह के बयना से मुसलमान खुश नहीं होता है न उनका समर्थन करता है. यह ऐसा वक्त है कि मंदिर मस्जिद के विवाद को कहीं न कहीं कम करने की कोशिश की जा रही है. अपना पॉलिटिकल एजेंडा बना कर ऐसा बयान दिया जा रहा है. लेकिन अफसोस की बात यह है कि जो लोग मुसलमान के नाम पर उनका समर्थन करते हैं. ऐसे लोगों ने मस्जिद को लेकर कभी कुछ नहीं किया."
असदुद्दीन ओवैसी के 'मुगलों की बीवियों' वाले बयान पर दरगाह आला हज़रत बरेली शरीफ के मौलाना शहाबुद्दीन का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि वह असदुद्दीन ओवैसी का समर्थन नहीं करते. उन्होंने कहा कि 'मुग़लो के नस्ल' वाले बयान से हम सहमत नहीं. मुगलों ने लंबे वक्त तक हिंदुस्तान में हुकूमत की. शादियां की बच्चे हुए, नस्ले आबाद हुई. मुगलों की नस्ल आज भी हिंदुस्तान में मौजूद है."
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दरअसल वाराणसी की ज्ञानवापी का मामला सुर्खियों में है. मधुरा का ईदगाह मामला भी कोर्ट में. दिल्ली की कुतुबमीनार और ताजमहल में 22 कमरों का मामला भी वक्त-वक्त पर सुर्खियों में रहता है. इस सभी मामलों को मुगलों से जोड़ा जा रहा है. लेकिन ज्ञानवापी मामले को औरंगजेब से जोड़ने पर उसदुद्दीन ने नारजगी जताई है.
हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने मदरसों के ताल्लुक से विवादित बयान दिया था. इस पर असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट किया कि "असम में 18 लोग मारे गए हैं और 7 लाख बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अभद्र टिप्पणियों में व्यस्त हैं" "जब संघी ब्रिटिश एजेंट के रूप में काम कर रहे थे, तब मदरसे स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे थे. इस्लाम के अलावा कई मदरसे विज्ञान, गणित और सामाजिक अध्ययन पढ़ाते हैं."
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