Muslim News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग हुई. इस मीटिंग में बताया गया कि मुस्लिम औरतों को उनके अधिकार दिए जाएं. मीटिंग में इस बात पर भी जोर दिया गया कि मुस्लिम लोग अपनी बेटियों को दहेज नहीं, बल्कि अपनी जायदाद में हिस्सा दें. मौलाना अतीक अहमद बस्तवी की सदारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई.


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हर औरत को मिला है हिस्सा
मीटिंग में मौलाना नसरुल्लाह नदवी ने कहा कि इस्लाम ऐसा धर्म है जिसने औरतों को प्रापर्टी में हक दिया है. इस्लाम औरतों को अपने माता-पिता, पति, बेटे की जायदाद में शरई तौर पर हिस्सा दिया है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मुताबिक "इस्लाम ने मां, बहन, बीवी, बेटी, पोती, परपोती, सौतेली बहन, दादी और नानी को जायदाद में हिस्सा दिया है."


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जायदाद में दें हिस्सा
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि बेटियों को दहेज देने के बजाय उन्हें जायदाद में हिस्सा दें. इससे उन्हें आर्थिक दिक्कतें नहीं होंगी. ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली के मुताबिक भारत हर नागरिक को अपने धर्म को मानने की आजादी देता है. मौलाना ने बताया कि कांफ्रेंस का मकसद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के लिए गलत फहमियों को दूर करना है. 


एक मौलाना के मुताबिक बैठक में कई अधिवक्ता और मुस्लिम औरतें शामिल थीं. मीटिंग में ये भी बताया गया कि शरीयत में औरतों को क्या हक दिए गए हैं. 


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