लखनऊः उत्तर प्रदेश के मदरसों में शुक्रवार या इतवार को साप्ताहिक छुट्टी को लेकर जारी बहस के बीच मदरसा बोर्ड के अंदर ही दो फाड़ हो गया है. बोर्ड के अफसर आपस में ही छुट्टी के दिन को लेकर भिड़ गए हैं. यह विवाद उस वक्त ज्यादा बढ़ गया जब बोर्ड के अध्यक्ष ने शुक्रवार को ही साप्ताहिक छुट्टी दिए जाने वाला वार्षिक कैलेंडर जारी कर दिया. इसके बाद शुक्रवार के बजाए इतवार को छुट्टी का प्रस्ताव रखने वाले बोर्ड के सदस्य कमर अली ने बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद पर बिना आपसी रजामंदी के कैलेंडर जारी किए जाने का इल्जाम लगाते हुए इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करने की बात कही है.

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सदस्य ने मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष पर लगाया मनमानी का आरोप 
अली ने बताया कि मदरसा बोर्ड के सद्र इफ्तिखार अहमद जावेद पर बोर्ड के अन्य सदस्यों से राय लिए बगैर 24 दिसंबर को साल 2023 के लिए मदरसों की छुट्टी का कैलेंडर जारी कर दिया है. अली ने कहा, "20 दिसंबर को बोर्ड द्वारा बुलाई गई एक बैठक में उन्होंने मदरसों की छुट्टी शुक्रवार की जगह इतवार को करने का प्रस्ताव रखा था और बोर्ड अध्यक्ष जावेद ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि इस प्रस्ताव पर जनवरी में होने वाली बोर्ड की पूर्ण बैठक में फैसला लिया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि इसी बीच जावेद ने 24 दिसंबर को बगैर बताए साल 2023 के लिए मदरसों की छुट्टी का कैलेंडर जारी कर दिया है. अली ने मदरसा बोर्ड के सद्र पर मनमानी का इल्जाम लगाते हुए कहा है कि वह किसी भी काम से पहले बोर्ड के सदस्यों से कोई राय नहीं लेते हैं.

बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद ने आरोपों का किया खंडन 
इस बीच, मदरसा बोर्ड के सद्र इफ्तिखार अहमद जावेद ने कमर अली के इल्जामों को गलत करार देते हुए कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री से शिकायत करते हैं, तो करें. उन्होंने कहा, ‘‘जो रूटीन कार्य हैं, वह तो किए ही जाएंगे.’’ शुक्रवार के बजाय इतवार को छुट्टी किए जाने के सुझाव पर बोर्ड की अगले महीने होने वाली पूर्ण बैठक में फैसला किए जाने के उनके वक्तव्य के बारे में पूछे जाने पर जावेद ने कहा कि कोई जरूरी नहीं है कि बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हो ही.

शुक्रवार के बजाए इतवार को छुट्टी के पीछे क्या है लॉजिक ? 
शुक्रवार के बजाय इतवार को मदरसों में छुट्टी किए जाने के अपने प्रस्ताव की हिमायत में दलील देते हुए अली ने कहा, "सरकारी अफसर जब राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देने के लिए शुक्रवार को मदरसे जाते हैं, तो उस दिन यह शिक्षण संस्थान बंद रहते हैं, और जब इतवार को अफसरों की छुट्टी होती है, तब मदरसे खुले होते हैं.’’ अली ने कहा कि चूंकि मदरसों का बेसिक स्कूलों की तर्ज पर आधुनिकीकरण किया जा रहा है, ऐसे में यह बेहतर होगा कि मदरसों में भी शुक्रवार की जगह इतवार को ही छुट्टी हो.

20 दिसंबर को रखा गया था प्रस्ताव 
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फ़ारसी मान्यता प्रशासन और सेवा विनियमावली - 2016 में संशोधन / परिवर्तन के मद्देनजर 20 दिसंबर को बोर्ड और मदरसा प्रतिनिधियों की बैठक में प्रदेश के मदरसों में शुक्रवार के बजाय इतवार को छुट्टी किए जाने का सुझाव दिया गया था. इस पर बोर्ड के सद्र ने कहा था कि अगले साल जनवरी में होने वाली बोर्ड की पूर्ण बैठक में इस सुझाव पर विचार कर कोई फैसला लिया जाएगा.


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