असम में बीफ बैन पर CM हिमंत को विपक्ष ने घेरा, कहा- `यह BJP की सियासी नौटंकी है`
Assam BEEF Ban: असम में बीफ पर बैन के बाद सियासत गरमा गई है. विपक्षी पार्टियां इसे लेकर हिमंत बिस्वा सरमा पर हमलावर है. कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी सरकार के इस फैसले को लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है और वोट बैंक के ध्रुवीकरण के लिए `सियासी नौटंकी` करार दिया है.
Assam Beef Ban News: असम की बीजेपी सरकार ने रेस्तरां, होटलों और पब्लिक प्लेसेस पर गोमांस परोसने और खाने पर बैन लगा दिया है. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने मंत्रिमंडल की बैठक में गोमांस उपभोग पर मौजूदा कानून में संशोधन कर नए प्रावधानों को शामिल करने का फैसला लिया है. असम सरकार इस फैसले पर सियासत गरमा गई है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर नॉर्थ ईस्ट प्रदेश की तमाम विपक्षी पार्टियां सरकार की आलोचना कर रहे हैं.
गुरुवार को असम की मुख्य विपक्षी पार्टी ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है और वोट बैंक के ध्रुवीकरण के लिए "सियासी नौटंकी" है. वहीं, भाजपा ने इसपर काउंटर करते हुए कहा कि इस फैसले से मवेशियों का संरक्षण होगा और सभी कम्युनिटी की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने वाले समाज का निर्माण होगा.
"BJP का यह फैसला अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है"
असम सरकार ने मौजूदा कानून में अमेंडमेट करने के बाद बुधवार को होटलों, रेस्तरां और सामुदायिक समारोहों में सार्वजनिक रूप से गोमांस खाने पर बैन लगाने का फैसला किया. कांग्रेस एमएलए जाकिर हुसैन सिकदर ने कहा, "लोगों की खाने की आदतों को तय करना राज्य के लिए सही नहीं है. यह अभिव्यक्ति की आजादी और धार्मिक मान्यताओं पर हमला है. व्यक्तिगत रूप से मैं सियासी मंच पर खाने की आदतों के बारे में किसी भी चर्चा की वकालत नहीं करता."
उन्होंने कहा कि खाना एक आदत है, जो क्लाइमेट और जियोग्राफी पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि मजहब कुछ चीजों को बैन करता है और कुछ की इजाज देता है, और लोग अपनी धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक खाते हैं. कांग्रेस विधायक ने कहा, "हम जिस समाज में रहते हैं, वह विविधताओं से भरा है और यही हमारी खूबसूरती भी है. एक वर्ग मोक्ष पाने के लिए गायों की पूजा करता है, तो दूसरा मोक्ष पाने के लिए गायों की बलि देता है."
"असम सरकार गाय के मांस की सियासत में व्यस्त है"
रायजोर पार्टी के महासचिव रसल हुसैन ने इस फैसले पर दुख जताते हुए कहा कि ऐसे वक्त में जब दुनिया सुनीता विलियम्स के अंतरिक्ष ( Space ) से लौटने पर चर्चा कर रही है, असम गाय और सूअर के मांस की सियासत में व्यस्त है. उन्होंने दावा किया, "यह कुछ नहीं, एक सियासी नौटंकी है. महंगाई, छह समुदायों को एसटी का दर्जा, असम समझौते का कार्यान्वयन, अंतिम एनआरसी मसौदे को मंजूरी जैसे बुनियादी मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया है. लेकिन, सरकार जनता का ध्यान भटकाने के लिए गोमांस की सियासत कर रही है।"
हुसैन ने कहा कि बीजेपी ने 2021 की जीत के बाद नए कानून के जरिए गोमांस पर बैन लगाकर अपने वोट बैंक को मुतमईन और खुश किया, लेकिन कालाबाजारी बढ़ने की वजह से मांस हर जगह उपलब्ध है.