Tehazeeb Hafi: शायरी को थोड़ा सा भी पसंद करने वाले लोग पाकिस्तान के मशहूर शायर तहजीब हाफी का नाम जरूर जानते होंगे और यह उनकी अनगिनत गजले व शेर भी जबानी याद होंगे. तहजीब हाफी अपनी बेहद आसान और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी शायरी के लिए बहुत मशहूर हैं. वो अपनी शायरी में ज्यादातर इस तरह की चीजें शामिल करते हैं जो आम तौर पर घरों या फिर अपने आसपास देखने को मिल जाती हैं. हाल ही में बीबीबी से ने तहजीब हाफी का एक इंटरव्यू यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया है. जिसमें शायरों का दुख, अपनी पर्सनल जिंदगी की कुछ खास बातों के अलावा हिंदुस्तान के लिए उनके दिल में कितना प्यार, सभी मौज़ू पर बात की. 


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तहज़ीब हाफी की शायरी की शुरुआत:
तहज़ीब हाफी कहते हैं कि शायर मां के पेट से शायर होता है. बस कोई एक लम्हा, कोई एक वक्त या फिर चिंगारी उस शख्स शायर बना देती है. उन्होंने कहा कि मुझे तकरीबन 18-19 साल हो गए शायरी करते हुए. उन्होंने अपनी शायरी के आगाज़ का किस्सा बताते हुए कहा कि जब छोटे मोबाइल होते थे तो हम अपने दोस्तों को मैसेज में शेर लिखकर भेजा करते थे. एक दिन मैंने अपना खुद का लिखा हुए शेर भेज दिया, जिस पर मुझे खूब दाद मिला. वो नहीं जानते थे कि यह शेर मैंने लिखा है. क्योंकि मैं शेर के नीचे किसी का नाम नहीं लिखता था. 


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भारत की तारीफ के बांधे बुल:
उन्होंने आगे भारत के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत में ऐसा हो सकता है कि अगर आप एक कामयाब शायर हो गए तो आपको मुशायरों से इतने पैसे मिलने शुरू हो जाएंगे कि आपका घर चल सके लेकिन पाकिस्तान इस तरह के हालात नहीं थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोगों को यह एहसास कराने में ही बहुत वक्त लग गया कि शायरों को कुछ देना भी होता है. वर्ना वो सिर्फ दुआएं देकर ही रुख्सत कर देते थे. उन्होंने बताया कि मैंने तकरीबन 60-70 मुशायरे मुफ्त में पढ़े हैं. 


भारत के इन शहरों में घूमना चाहते हैं 'हाफी'
तहज़ीब हाफी कहते हैं कि मेरे चाहने वालों की तादाद भारत में ज्यादा है. अक्सर लोग कहते हैं और सोशल मीडिया पर कमेंट्स भी यही कहते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत के लोगों को तारीफ करना आता है बजाए ये कहने के कि ये तो हम भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मेरा भारत जाने का बहुत मन है और में भारत के सभी शहरों में घूमना चाहता हूं. उन्होंने मिसाल के तौर पर नई दिल्ली, लखनऊ, बिहार और पंजाब जैसी जगहों का नाम लिया. इसके अलावा उन्होंने महाराष्ट्र के नाम की भी खूब तारीफ की. 


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बीवी अच्छी मिल जाए तो शायरी खाब हो जाती है:
अपनी शादी के बारे में बात करते हुए तहज़ीब हाफी कहते हैं कि मैंने अभी तक शादी नहीं की. कुछ लोग कहते हैं कि शादी कर लेनी चाहिए और कुछ लोग कहते हैं नहीं करनी चाहिए. ना कहने वाले की तादाद ज्यादा है इसलिए अभी तक नहीं की. शादी से शायरी के संबंध पर बात करते हुए तहज़ीब कहते हैं कि अगर बीवी अच्छी मिल जाए तो शायरी खराब हो जाती है. इसके अलावा उन्होंने अपनी शिक्षा के बारे में बताते हुए कहा कि मेरी एजुकेशन भी मेरे ख्यालात की तरह बंटी हुई है. उन्होंने लगभग आधा दर्जन से ज्यादा संस्थानों से शिक्षा हासिल की. 


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